हाल ही के सालों में वियतनाम ने विश्व के कई बड़े देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत किए हैं और इसका सारा श्रेय वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग को जाता है. गुयेन फु ट्रोंग के निधन पर कई विश्व नेताओं ने दुख जाहिर किया और उन्हें उनके नेक कार्यों के लिए याद किया. मार्क्सवादी-लेनिनवादी (Marxist-Leninist) गुयेन फू ट्रोंग, जिन्होंने एक दशक से अधिक समय तक वियतनाम का नेतृत्व किया था, उन्होंने अपनी 'बैंबू डिप्लोमेसी' के जरिए चीन और अमेरिका दोनों के साथ संबंधों को मजबूत बनाया. गुयेन फु ट्रोंग का लक्ष्य विश्व शक्तियों के साथ वियतनाम के संबंधों को मजूबत करना था और काफी हद तक वो इसमें सफल भी रहे.
आखिर क्या होती है बैंबू डिप्लोमेसी
गुयेन फु ट्रोंग ने साल 2021 में बांस के पौधे की "मजबूत जड़ों, मोटे तने और लचीली शाखाओं" की तरह वियतनाम की विदेश नीति की कल्पना की और 'अधिक दोस्त, कम दुश्मन' का दृष्टिकोण अपनाया. जिस तरह से बांस का पौधा यानी बैंबू मजबूत होता है, उसी तरह से उन्होंने वियतनाम के रिश्ते अन्य देशों के साथ मजबूत बनाने का काम किया. आज के समय में चीन, रूस, जापान, अमेरिका सहित कई सारे देशों के साथ वियतनाम ने मधुर संबंध बनाए हुए हैं. इन देशों के साथ वियतनाम ने कई बड़ी डील्स भी की है.
चीन
साल 2023 में दिसंबर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वियतनाम का दौरा किया था और इस दौरान चीन ने "साझा भविष्य" वाले समुदाय के निर्माण पर सहमति जताई थी. दोनों देशों ने परिवहन अवसंरचना, व्यापार, सुरक्षा और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में 36 सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे.
अमेरिका
साल 2023 में सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वियतनाम का दौरा किया था. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हनोई यात्रा के दौरान सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों पर घनिष्ठ सहयोग की घोषणा की थी.
जापान
नवंबर में वियतनाम के राष्ट्रपति वो वान थुओंग की टोक्यो यात्रा के दौरान दोनों देशोंं ने अपने संबंधों को शीर्ष स्तर पर पहुंचा था. इस समय कैनन, होंडा, पैनासोनिक और ब्रिजस्टोन सहित जापानी बहुराष्ट्रीय कंपनियां वियतनाम में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से हैं. इसके अलावा वियतनाम ने जून में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी भी की थी .
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