बीजिंग:
चीन ने वियतनाम की संसद की ओर से दक्षिणी चीन सागर के दो विवादास्पद द्वीपों पर अपना अधिकार एवं संप्रभुता जताए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘अवैध और अनुचित’ कदम करार दिया है।
वियतनाम नेशनल असंबली ने समुद्री क्षेत्र को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ‘जिशा’ और ‘ननशा’ द्वीपों पर अपनी संप्रभुता जताई गई है। वियतनाम इन दोनों द्वीपों को ‘पारासेल’ और ‘स्पाटतले’ नाम से पुकारता है।
चीन के उप विदेश मंत्री झांग झिजुन ने वियतनाम के राजदूत नगुयेन वान थो को तलब किया और वियतनामी संसद में पारित प्रस्ताव को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। इन दो द्वीपों में काफी प्राकृतिक संपदाएं हैं।
वियतनामी संसद के प्रस्ताव की प्रतिक्रिया में चीन ने ‘जिशा’ और ‘ननशा’ द्वीपों के प्रशासनिक स्तर को बढ़ा दिया है।
चीन की कैबिनेट ने इसकी मंजूरी देते हुए कहा कि सांशा शहर का प्रशासन आसपास के जलक्षेत्रों की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालेगा और जिशा द्वीप के हिस्से योंगजिंग में चीनी सरकार का नुमाइंदा मौजूद रहेगा।
चीन के उप विदेश मंत्री झांग ने वियतनाम के राजदूत से कहा कि इन द्वीपों और आसपास के जलक्षेत्र पर बीजिंग की बिना किसी विवाद के संप्रभुता है।
झांग ने कहा कि वियतनाम के इस कदम का उनका देश कड़ा विरोध करता है। दक्षिणी चीन सागर को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद बना हुआ है और कहा कि वियतनाम का कदम अवैध और अनुचित होने के साथ ही दक्षिणी चीन सागर में शांति एवं स्थिरता के लिए नुकसानदेह है।
वियतनाम नेशनल असंबली ने समुद्री क्षेत्र को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ‘जिशा’ और ‘ननशा’ द्वीपों पर अपनी संप्रभुता जताई गई है। वियतनाम इन दोनों द्वीपों को ‘पारासेल’ और ‘स्पाटतले’ नाम से पुकारता है।
चीन के उप विदेश मंत्री झांग झिजुन ने वियतनाम के राजदूत नगुयेन वान थो को तलब किया और वियतनामी संसद में पारित प्रस्ताव को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। इन दो द्वीपों में काफी प्राकृतिक संपदाएं हैं।
वियतनामी संसद के प्रस्ताव की प्रतिक्रिया में चीन ने ‘जिशा’ और ‘ननशा’ द्वीपों के प्रशासनिक स्तर को बढ़ा दिया है।
चीन की कैबिनेट ने इसकी मंजूरी देते हुए कहा कि सांशा शहर का प्रशासन आसपास के जलक्षेत्रों की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालेगा और जिशा द्वीप के हिस्से योंगजिंग में चीनी सरकार का नुमाइंदा मौजूद रहेगा।
चीन के उप विदेश मंत्री झांग ने वियतनाम के राजदूत से कहा कि इन द्वीपों और आसपास के जलक्षेत्र पर बीजिंग की बिना किसी विवाद के संप्रभुता है।
झांग ने कहा कि वियतनाम के इस कदम का उनका देश कड़ा विरोध करता है। दक्षिणी चीन सागर को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद बना हुआ है और कहा कि वियतनाम का कदम अवैध और अनुचित होने के साथ ही दक्षिणी चीन सागर में शांति एवं स्थिरता के लिए नुकसानदेह है।
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