प्रदर्शनकारियों ने बैनर के ज़रिए अश्वेतों के प्रति रवैये का विरोध किया (तस्वीर : AFP)
वॉशिंगटन:
आमतौर पर अमेरिका अपने नागरिकों को संकटग्रस्त या राजनीतिक अस्थिरता वाले देशों में जाने से पहले सावधानी बरतने की सलाह देता दिखता है। लेकिन अब तीन ऐसे देश सामने आए हैं जो अपने नागरिकों को अमेरिका में थोड़ा सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं। इसके पीछे की वजह हाल ही में अमेरिका में पुलिस द्वारा अश्वेतों को निशाना बनाया जाना है जिसके बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों ने दुनिया भर का ध्यान इस समस्या की तरफ खींचा है।
यही वजह है कि अब मध्य पूर्व और कैरेबियन सरकार के लिए अमेरिका चिंता का विषय बन गया है क्योंकि लुसियाना और मिनेसोटा में पुलिस की गोली से अश्वेत मारे गए जिसके बाद अमेरिकी शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी झड़प हो रही है और डलास में तो पिछले हफ्ते ऐसी ही एक मार्च में पांच पुलिस वाले मारे भी गए थे जिन्हें एक अश्वेत बंदूकधारी ने निशाना बनाया था।
इसके बाद अफ्रीकी पृष्ठभूमि वाले कैरिबियाई देश बहामास ने अपने नागरिकों को चेताया है कि अमेरिकी शहरों में ज़रा सावधानी बरतें क्योंकि वहां 'अश्वेत युवाओं को पुलिस ने निशाना बनाया है।' वहीं मध्य पूर्व में बसे एक छोटे से द्वीप देश बहरेन के अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर के ज़रिए नागरिकों से 'अमेरिका के भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहने' की अपील की है।
'ज्यादा बहस में न पड़ें...'
बहामास के विदेश मंत्रालय ने एक यात्रा परामर्श जारी करते हुए कहा है कि 'खासतौर पर युवाओं को पुलिस के साथ बातचीत के दौरान बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। बहस में न पड़े और सहयोग की मुद्रा में रहें।'
उधर संयुक्त अरब अमीरात ने अमेरिका में रहने वाले अपने छात्रों और अन्य नागरिकों से सावधान रहने की दरख़्वास्त करते हुए उसी भाषा का इस्तेमाल किया है जैसा अमेरिकी विदेश मंत्रालय कट्टरपंथ को झेल रहे देशों में अपने नागरिकों को चेताने के लिए करता है। यूएई के दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए अपने नागरिकों से कहा है कि वह किसी भी तरह के प्रदर्शनों से दूर रहे और मुमकिन हो तो भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। साथ ही बयान में यह भी कहा गया है कि त्यौहार या किसी भव्य समारोह में ज्यादा एहतियात बरतें, एलर्ट रहे और सुरक्षित रहें।
यहां यह जानना जरूरी है कि जुलाई में ही अमेरिका भी बांग्लादेश, वेनेज़ुएला, इराक़ और माली जैसे देशों में यात्रा के दौरान अपने नागिरकों से सावधानी बरतने के लिए कह चुका है। रविवार को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कॉयर पर आए कुछ पर्यटकों ने अमेरिका में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। आयरलैंड से आए एलेनोर फेयरब्रदर ने कहा 'अब मुझे भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाना अच्छा नहीं लगता।'
यही वजह है कि अब मध्य पूर्व और कैरेबियन सरकार के लिए अमेरिका चिंता का विषय बन गया है क्योंकि लुसियाना और मिनेसोटा में पुलिस की गोली से अश्वेत मारे गए जिसके बाद अमेरिकी शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी झड़प हो रही है और डलास में तो पिछले हफ्ते ऐसी ही एक मार्च में पांच पुलिस वाले मारे भी गए थे जिन्हें एक अश्वेत बंदूकधारी ने निशाना बनाया था।
इसके बाद अफ्रीकी पृष्ठभूमि वाले कैरिबियाई देश बहामास ने अपने नागरिकों को चेताया है कि अमेरिकी शहरों में ज़रा सावधानी बरतें क्योंकि वहां 'अश्वेत युवाओं को पुलिस ने निशाना बनाया है।' वहीं मध्य पूर्व में बसे एक छोटे से द्वीप देश बहरेन के अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर के ज़रिए नागरिकों से 'अमेरिका के भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहने' की अपील की है।
'ज्यादा बहस में न पड़ें...'
बहामास के विदेश मंत्रालय ने एक यात्रा परामर्श जारी करते हुए कहा है कि 'खासतौर पर युवाओं को पुलिस के साथ बातचीत के दौरान बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। बहस में न पड़े और सहयोग की मुद्रा में रहें।'
उधर संयुक्त अरब अमीरात ने अमेरिका में रहने वाले अपने छात्रों और अन्य नागरिकों से सावधान रहने की दरख़्वास्त करते हुए उसी भाषा का इस्तेमाल किया है जैसा अमेरिकी विदेश मंत्रालय कट्टरपंथ को झेल रहे देशों में अपने नागरिकों को चेताने के लिए करता है। यूएई के दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए अपने नागरिकों से कहा है कि वह किसी भी तरह के प्रदर्शनों से दूर रहे और मुमकिन हो तो भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। साथ ही बयान में यह भी कहा गया है कि त्यौहार या किसी भव्य समारोह में ज्यादा एहतियात बरतें, एलर्ट रहे और सुरक्षित रहें।
यहां यह जानना जरूरी है कि जुलाई में ही अमेरिका भी बांग्लादेश, वेनेज़ुएला, इराक़ और माली जैसे देशों में यात्रा के दौरान अपने नागिरकों से सावधानी बरतने के लिए कह चुका है। रविवार को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कॉयर पर आए कुछ पर्यटकों ने अमेरिका में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। आयरलैंड से आए एलेनोर फेयरब्रदर ने कहा 'अब मुझे भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाना अच्छा नहीं लगता।'
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