अमेरिका और ब्रिटेन ने पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमलों के सरगना जकीउर रहमान लखवी को भारत या उन्हें सौंपने को कहा ताकि इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहतर हो सकें।
लखवी (54) के जमानत मामले की सुनवाई के दौरान इस्लमाबाद हाईकोर्ट को आज अभियोजन ने बताया कि दोनों देशों ने लखवी को भारत को सौंपने की मांग की है। हालांकि, गृह मंत्रालय में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर करने के लिए नवाज सरकार से लखवी को या तो भारत को सौंपने या उसकी स्वतंत्र सुनवाई के लिए उन्हें सौंपने को कहा है। दरअसल, वर्ष 2008 के मुंबई हमले में विभिन्न देशों के कई नागरिक मारे गए थे।
अभियोजन ने न्यायमूर्ति शौकत अजीज सिद्दीकी की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंड पीठ से मामले में तेजी लाने का भी अनुरोध किया। इस पर सिद्दीकी ने टिप्पणी की, 'यदि सरकार इतनी ही जल्दी में है तो मामले को सैन्य अदालत में हस्तांतरित कर दे।' न्यायाधीश ने यह भी कहा कि लखवी को किसी देश को सौंपना एक कूटनीतिक मुद्दा है जो सरकार से संबद्ध है और अदालत का इससे कोई लेना देना नहीं है।
वहीं मामले में मुख्य अभियोजक चौधरी अजहर ने बताया कि लखवी के वकील सोमवार की सुनवाई में पेश नहीं हुए। उन्होंने बताया कि अदालत ने पिछली सुनवाई में लखवी के लिए समन जारी किया था लेकिन उनके वकील पेश नहीं हुए थे। इस पर, अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी।
अदालती दफ्तर सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा। लखवी को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और उसे अन्य आरोपियों के साथ आरोपित किया था।
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