अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
अमेरिका ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा दी गई परमाणु हमले की धमकियों पर कड़ी आपत्ति जताई है और इस संबंध में पाकिस्तान को अपनी नाखुशी के बारे में सूचित किया है.
विदेश मंत्रालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने इसके बारे में (परमाणु हमले की धमकी पर अमेरिका की आपत्ति) उन्हें (पाकिस्तान को) स्पष्ट कर दिया गया है. हमने बार बार ऐसा किया है.' अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी, हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तान को यह संदेश किस स्तर पर भेजा गया है.
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले 15 दिनों में दो बार यह कहा है कि उनका देश भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. अधिकारी से जब आसिफ के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यह बहुत चिंताजनक है. यह गंभीर बात है.'
आसिफ ने अपने ताजा इंटरव्यू में एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से कहा, 'अगर भारत हमसे युद्ध करने की कोशिश करता है तो हम उसे नष्ट कर देंगे. पाकिस्तान की सेना भारत के किसी भी दुस्साहस का उत्तर देने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा था, 'हमने परमाणु हथियार दिखाने के लिए नहीं रखे हैं. अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है तो हम इसका (परमाणु हथियारों) इस्तेमाल करेंगे और भारत को नष्ट कर देंगे.'
इस बयान से ओबामा प्रशासन की भौंहे तन गई हैं और इसे शीर्ष पाकिस्तानी नेतृत्व का 'गैरजिम्मेदाराना' व्यवहार माना जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका सामूहिक विनाश करने वाले इन हथियारों की सुरक्षा पर करीबी नजर रख रही है. उन्होंने कहा, 'इन हथियारों की सुरक्षा हमेशा हमारी चिंता का विषय रहा है. उन्होंने इस विशेष मामले में जो कहा है, उसके अलावा भी हम इन हथियारों की सुरक्षा पर हमेशा नजर रखते हैं.'
इस बीच रक्षा मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परमाणु सक्षम देशों की 'यह बहुत स्पष्ट जिम्मेदारी है कि वे परमाणु हथियारों एवं मिसाइल क्षमताओं को लेकर संयम बरतें.'
वहीं अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे उरी आतंकवादी हमले के बाद बढ़े तनाव को कम करने के लिए कदम उठाएं. विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इसके साथ ही हमने यह बिल्कुल स्पष्ट किया है कि भारतीय सैन्य अड्डे (उरी) पर जो हुआ वह आतंकवादी कृत्य था.' विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 'सभी जानते हैं' कि उरी हमले को अंजाम देने वाले कहां से आए थे.
टोनर ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका स्थिति पर बहुत निकटता से नजर रखे हुए था. उन्होंने कहा, 'हमारे दृष्टिकोण से हम दोनों पक्षों से शांति और संयम की अपील करते हैं. हम समझते हैं कि पाकिस्तानी एवं भारतीय सेनाएं के बीच संवाद जारी है और हमारा मानना है कि उनके बीच जारी संवाद तनाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण है.'
टोनर ने कहा, 'मेरा मानना है कि हम निश्चित रूप से तनाव बढ़ते हुये और संवाद में किसी प्रकार की रकावट नहीं देखना चाहते. हमने क्षेत्र में सीमा पार से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेकर बार-बार और लगातार चिंता व्यक्त की है और निश्चित रूप से इन हालिया हमलों में उरी का हमला भी शामिल है.' उन्होंने कहा, 'हम लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों से निपटने और उन्हें अवैध घोषित करने की अपील लगातार करते रहे हैं.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विदेश मंत्रालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने इसके बारे में (परमाणु हमले की धमकी पर अमेरिका की आपत्ति) उन्हें (पाकिस्तान को) स्पष्ट कर दिया गया है. हमने बार बार ऐसा किया है.' अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी, हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तान को यह संदेश किस स्तर पर भेजा गया है.
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले 15 दिनों में दो बार यह कहा है कि उनका देश भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. अधिकारी से जब आसिफ के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यह बहुत चिंताजनक है. यह गंभीर बात है.'
आसिफ ने अपने ताजा इंटरव्यू में एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से कहा, 'अगर भारत हमसे युद्ध करने की कोशिश करता है तो हम उसे नष्ट कर देंगे. पाकिस्तान की सेना भारत के किसी भी दुस्साहस का उत्तर देने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा था, 'हमने परमाणु हथियार दिखाने के लिए नहीं रखे हैं. अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है तो हम इसका (परमाणु हथियारों) इस्तेमाल करेंगे और भारत को नष्ट कर देंगे.'
इस बयान से ओबामा प्रशासन की भौंहे तन गई हैं और इसे शीर्ष पाकिस्तानी नेतृत्व का 'गैरजिम्मेदाराना' व्यवहार माना जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका सामूहिक विनाश करने वाले इन हथियारों की सुरक्षा पर करीबी नजर रख रही है. उन्होंने कहा, 'इन हथियारों की सुरक्षा हमेशा हमारी चिंता का विषय रहा है. उन्होंने इस विशेष मामले में जो कहा है, उसके अलावा भी हम इन हथियारों की सुरक्षा पर हमेशा नजर रखते हैं.'
इस बीच रक्षा मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परमाणु सक्षम देशों की 'यह बहुत स्पष्ट जिम्मेदारी है कि वे परमाणु हथियारों एवं मिसाइल क्षमताओं को लेकर संयम बरतें.'
वहीं अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से अपील की कि वे उरी आतंकवादी हमले के बाद बढ़े तनाव को कम करने के लिए कदम उठाएं. विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इसके साथ ही हमने यह बिल्कुल स्पष्ट किया है कि भारतीय सैन्य अड्डे (उरी) पर जो हुआ वह आतंकवादी कृत्य था.' विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 'सभी जानते हैं' कि उरी हमले को अंजाम देने वाले कहां से आए थे.
टोनर ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका स्थिति पर बहुत निकटता से नजर रखे हुए था. उन्होंने कहा, 'हमारे दृष्टिकोण से हम दोनों पक्षों से शांति और संयम की अपील करते हैं. हम समझते हैं कि पाकिस्तानी एवं भारतीय सेनाएं के बीच संवाद जारी है और हमारा मानना है कि उनके बीच जारी संवाद तनाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण है.'
टोनर ने कहा, 'मेरा मानना है कि हम निश्चित रूप से तनाव बढ़ते हुये और संवाद में किसी प्रकार की रकावट नहीं देखना चाहते. हमने क्षेत्र में सीमा पार से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेकर बार-बार और लगातार चिंता व्यक्त की है और निश्चित रूप से इन हालिया हमलों में उरी का हमला भी शामिल है.' उन्होंने कहा, 'हम लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों से निपटने और उन्हें अवैध घोषित करने की अपील लगातार करते रहे हैं.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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