इन दिनों अमेरिका (US) और रूस (Russia) के बीच खूब तनातनी चल रही है. दोनों देश एक दूसरे को अपनी सैन्य क्षमता दिखाते नज़र आ रहे हैं. रूस की यूक्रेन (Ukraine) को लेकर उग्रता बढ़ती जा रही है और अमेरिका रूस को इसके खिलाफ सावधान कर रहा है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, ऐसे में आई एक रिपोर्ट बताती है कि अगर आधुनिक परमाणु युद्ध (Nuclear War) हुआ तो इसके असर से पांच बिलियन लोग मारे जाएंगे, इसका बड़ा कारण युद्ध के कारण फैली वैश्विक भुखमरी होगी. परमाणु युद्द के कारण आसमान में सूरज की रोशनी ढंक जाएगी और इसका असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ेगा. इसका मतलब धमाकों के सीधे असर से जितने लोग नहीं मरेगें उससे कहीं अधिक इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव से मर जाएंगे.
रटगर्स (Rutgers) यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने परमाणु युद्ध के 6 संभावित हालातों पर रिसर्च की है. जर्नल नेचर फूड नाम की पत्रिका में प्रकाशित वैज्ञानिकों के लेख के अनुसार, "रूस और अमेरिका के बीच अगर बड़े पैमाने पर हुआ परमाणु युद्द इसमें सबसे घातक होगा. यह युद्द आधी मानव सभ्यता को खत्म कर सकता है."
यह आंकलन इस आधार पर किया गया है कि परमाणु हथियारों के फटने से पर्यावरण में कितना गुबार उठेगा. शोधकर्ताओं ने इसके लिए नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक क्लाइमेट फोरकास्टिंग टूल का प्रयोग कर यह शोध किया है. यह टूल वैज्ञानिकों को हर देश में होने वाली बड़ी फसलों की पैदावार का अनुमान लगाने में मदद करता है.
इसके अनुसार, एक छोटा सा परमाणु युद्ध भी वैश्विक खाद्य उत्पादन पर बहुत बुरा असर डालेगा. इस रिसर्च के अनुसार, अगर भारत-पाकिस्तान के बीच स्थानीय स्तर पर परमाणु युद्द हुआ तो अगले पांच सालों में फसलों का उत्पादन 7% घट जाएगा जबकि अमेरिका-रूस के बीच युद्ध के असर से अगले तीन से चार सालों में कृषि उत्पादन 90% तक घट जाएगा.
शोधकर्ताओं ने यह भी विचार किया है कि क्या अगर फिलहाल जानवरों को खिलाए जाने वाली फसल का प्रयोग किया जाए या भी खाने की बर्बादी रोकी जाए तो क्या युद्ध के बाद की त्रासदी को कम किया जा सकता है? लेकिन इसके परिणामों में निकल कर सामने आया कि बड़े स्तर के युद्ध में यह बचत बेहद कम पड़ेगी.
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद बढ़े अमेरिका रूस तनाव के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अप्रेल में चेतावनी दी थी कि परमाणु युद्ध भड़कने का "गंभीर खतरा" है.
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