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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की कैसे हुई थी हत्या? ट्रंप के साइन से आखिरी गुप्त फाइलें भी आईं सामने

अमेरिका के नेशनल आर्काइव ने मंगलवार, 18 मार्च को 1963 में हुई राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से जुड़ें हजारों पन्नों के डी-क्लासिफाइड रिकॉर्ड जारी किए. 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की कैसे हुई थी हत्या? ट्रंप के साइन से आखिरी गुप्त फाइलें भी आईं सामने
जॉन एफ कैनेडी की फाइल फोटो

अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की गोली मारकर हत्या किए जाने के 60 से अधिक सालों के बाद वहां की सरकार ने उससे जुड़ें सिक्रेट दस्तावेजों की आखिरी खेप जारी कर दी है. यह अमेरिका के इतिहास में एक ऐसा हत्या थी जिसने देश को झकझोर दिया था और इसने हत्या की साजिश को लेकर अनगिनत सिद्धांतों को जन्म दिया था. इससे पहले सोमवार को भी ट्रंप ने पत्रकारों से घोषणा की कि उनकी सरकार अगले दिन रिकॉर्ड जारी करना शुरू कर देगी. इसके बाद अमेरिका के नेशनल आर्काइव ने 1963 में हुई राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से जुड़ें हजारों पन्नों के डी-क्लासिफाइड रिकॉर्ड जारी किए हैं. 

अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गब्बार्ड ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर साइन करके इस हत्या से जुड़े बाकी के रिकॉर्ड जारी करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा करना "सार्वजनिक हित" में है. कैनेडी के अलावा ट्रंप ने नागरिक अधिकारों के आइकन माने जाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से भी जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए साइन किया था.

बता दें कि अमेरिका की कांग्रेस ने 1992 में सरकार द्वारा 2017 तक हत्या से संबंधित सभी रिकॉर्ड जारी करने और सार्वजनिक के लिए मतदान किया था. हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण ट्रंप और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उस समय डेडलाइन को बार-बार आगे बढ़ाया.

कैनेडी की हत्या से उठे थे कई सवाल

जॉन एफ कैनेडी की मौत की परिस्थितियों ने दशकों से अमेरिका की जनता में मन में सवाल पैदा किया है. सर्वे से पता चलता है कि अधिकांश अमेरिकी इस मामले पर जो पुलिस और सरकार का पक्ष है, उसपर संदेह करते हैं. 2023 के गैलप पोल में, 65 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि वे वॉरेन कमीशन के इस निष्कर्ष को स्वीकार नहीं करते हैं कि जेएफके की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए अमेरिकी नौसैनिक ली हार्वे ओसवाल्ड ने राष्ट्रपति की हत्या में अकेले काम किया था.

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