
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की गोली मारकर हत्या किए जाने के 60 से अधिक सालों के बाद वहां की सरकार ने उससे जुड़ें सिक्रेट दस्तावेजों की आखिरी खेप जारी कर दी है. यह अमेरिका के इतिहास में एक ऐसा हत्या थी जिसने देश को झकझोर दिया था और इसने हत्या की साजिश को लेकर अनगिनत सिद्धांतों को जन्म दिया था. इससे पहले सोमवार को भी ट्रंप ने पत्रकारों से घोषणा की कि उनकी सरकार अगले दिन रिकॉर्ड जारी करना शुरू कर देगी. इसके बाद अमेरिका के नेशनल आर्काइव ने 1963 में हुई राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से जुड़ें हजारों पन्नों के डी-क्लासिफाइड रिकॉर्ड जारी किए हैं.
अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गब्बार्ड ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है.
President Trump is ushering in a new era of maximum transparency. Today, per his direction, previously redacted JFK Assassination Files are being released to the public with no redactions. Promises made, promises kept. https://t.co/UnG1vkgxjX pic.twitter.com/XBbkQfz4Bx
— DNI Tulsi Gabbard (@DNIGabbard) March 18, 2025
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर साइन करके इस हत्या से जुड़े बाकी के रिकॉर्ड जारी करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा करना "सार्वजनिक हित" में है. कैनेडी के अलावा ट्रंप ने नागरिक अधिकारों के आइकन माने जाने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से भी जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए साइन किया था.
कैनेडी की हत्या से उठे थे कई सवाल
जॉन एफ कैनेडी की मौत की परिस्थितियों ने दशकों से अमेरिका की जनता में मन में सवाल पैदा किया है. सर्वे से पता चलता है कि अधिकांश अमेरिकी इस मामले पर जो पुलिस और सरकार का पक्ष है, उसपर संदेह करते हैं. 2023 के गैलप पोल में, 65 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि वे वॉरेन कमीशन के इस निष्कर्ष को स्वीकार नहीं करते हैं कि जेएफके की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए अमेरिकी नौसैनिक ली हार्वे ओसवाल्ड ने राष्ट्रपति की हत्या में अकेले काम किया था.
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