अमेरिका ने गुरुवार को चीन से एक बार फिर आग्रह किया है कि वह तिब्बतियों द्वारा पंचेन लामा के रूप में पहचाने गए शख्स को रिहा कर दे. अमेरिका ने इस किस्से को दलाई लामा के उत्तराधिकार से जोड़कर देखने के खिलाफ भी चीन को चेताया है.
14 मई, 1995 को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तथा निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने छह-वर्षीय गेधुन चोएक्यी नीमा को पंचेन लामा का पुनर्जन्म करार दिया था. इस बालक को तीन दिन बाद ही हिरासत में ले लिया गया था, और उसके बाद से आज तक किसी ने उसे नहीं देखा. मानवाधिकार समूहों ने इसे दुनिया के सबसे छोटी उम्र के राजनैतिक कैदी की संज्ञा दी थी.
अमेरिकी विदेश विभाग में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के एम्बैसेडर-एट-लार्ज सैम ब्राउनबैक ने कहा, "हम पंचेन लामा को रिहा करने के लिए चीनी प्रशासन पर दबाव डालना जारी रखे हैं... उसे आज़ाद किया जाए, और दुनिया को भी बताया जाए कि वह कहां हैं..."
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