- डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत के तेल ग्राहक के रूप में हटने का दावा किया है जो लगभग 40 प्रतिशत व्यापार करता है.
- ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ हटाने पर पुनर्विचार करने की संभावना जताई है.
- भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल और अतिरिक्त टैरिफ पहले ही लागू हो चुका है जबकि रूस से तेल खरीद जारी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद दावा किया कि रूस ने अपने तेल ग्राहकों में से एक भारत को खो दिया है. वहीं उन्होंने इसके साथ ही एक राहत का संकेत भी दिया कि वह रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ का अपना फैसला वापस ले सकते हैं. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सात अगस्त से भारत पर अमेरिका का 25 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो चुका है और 27 अगस्त से 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लागू हो जाएगा. भारत ने हालांकि अभी तक इस तरह की कोई पुष्टि नहीं की है जिससे यह जानकारी मिले कि रूस से तेल खरीद बंद हो चुका है.
'अब सोचने की जरूरत नहीं'
पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के सीन हैनिटी को एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने कहा, 'आज जो कुछ हुआ, उसकी वजह से मुझे लगता है कि मुझे इस (टैरिफ) के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है.' ट्रंप ने आगे कहा, 'अब, मुझे शायद दो या तीन हफ्ते बाद इस बारे में सोचना पड़ेगा, लेकिन अभी हमें इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. मुझे लगता है, आप जानते हैं, बैठक बहुत अच्छी रही.'
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि रूस ने भारत के रूप के अपना एक ग्राहक खो दिया है. साथ ही चीन पर सेकेंडरी टैरिफ को लेकर भी बड़ा बयान दिया था. ट्रंप ने कहा था, उन्होंने (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) एक तेल ग्राहक खो दिया, यानी भारत, जो करीब 40 फीसदी तक तेल का बिजनेस कर रहा था. जैसा कि आप जानते हैं, चीन भी ऐसा ही कर रहा है. और अगर मैंने सेकेंडरी टैरिफ लगाया, तो यह उनके लिए बहुत विनाशकारी होगा. अगर मुझे ऐसा करना पड़ा, तो मैं करूंगा. लेकिन शायद मुझे ऐसा करने की जरूरत ही न पड़े.'
ट्रंप के वित्त मंत्री ने दी थी धमकी
ट्रंप की यह टिप्पणी भारत और रूस के बीच तेल व्यापार और चीन पर संभावित टैरिफ से जुड़े एक सवाल के जवाब में आई है. हालांकि, ट्रंप ने यह साफ नहीं किया है कि वह जवाबी टैरिफ की बात कर रहे थे या उन देशों पर अतिरिक्त टैरिफ की, जो विशेष तौर पर रूस से तेल खरीदने पर लगा है. भारत पर सेकेंडरी टैरिफ का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा था कि जो ऑयल बिजनेस की वजह से रूस, यूक्रेन में खून-खराबा जारी रखे हुए है. ट्रंप की इस टिप्पणी से पहले उनके वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत को धमकी दी थी कि अगर अगर अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच हुई मीटिंग बेनतीजा रही तो उनका देश भारत पर सेकेंडरी टैरिफ बढ़ा सकता है.
क्या अभी रूस से तेल खरीद रहा भारत
भारत ने ट्रंप के सेकेंडरी टैरिफ को 'अनुचित और 'अविवेकपूर्ण' कदम बताते हुए निंदा की थी. भारत और ब्राजील दो ऐसे देश हैं जिन पर सबसे ज्यादा अमेरिकी टैरिफ यानी 50 फीसदी टैरिफ लगा है. वहीं ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया थ कि ट्रंप के कदम के बाद भारत की सरकारी तेल रिफाइनरियों ने रूसी कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है. हालांकि केंद्र ने अभी तक इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है. वहीं पिछले दिनों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ए.एस. साहनी ने कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है और सिर्फ आर्थिक कारणों से ही खरीदना जारी रखा है.
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