अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश (करेंसी मैनिपुलेटर) घोषित किया है. अमेरिका ने चीन पर व्यापार में " अनुचित प्रतिस्पर्धी लाभ " लेने के लिए युआन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
इस कदम से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रहे टकराव के गहराने की आशंका है.
अमेरिका ने चीन की ओर से अपनी मुद्रा युआन को डॉलर के मुकाबले सात के स्तर से नीचे रखने की अनुमति देने के बाद यह कदम उठाया.
अमेरिकी वित्त विभाग ने घोषणा में कहा, "वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर चीन को मुद्रा के साथ छेड़छाड़़ करने वाला देश निर्धारित किया."
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मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस फैसले के बाद न्यूचिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क करेंगे ताकि चीन की ओर से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोका जा सके.
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट में कहा था, "चीन अनुचित व्यापार गतिविधियों और मुद्रा की विनियम दर में छेड़छाड़ करके अरबों डॉलर अमेरिका से लेता रहा है. उसका इरादा आगे भी इसे जारी रखने का है. यह एकतरफा है, इसे कई साल पहले बंद हो जाना चाहिए था."
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वित्त विभाग ने पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) के बयान का हवाला देते हए आरोप लगाया है कि पीबीओसी ने स्वीकार किया है कि उसे अपनी मुद्रा में हेरफेर करने का व्यापक अनुभव है और वह ऐसा करने के लिए तैयार रहते हैं.
ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति चुनावी अभियान के दौरान चीन को मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश ठहराने का वादा किया था लेकिन वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाने से इनकार करते हुए चीन को निगरानी सूची में डाल रखा था.
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