अगर सबकुछ ठीक रहा तो अमेरिका के साथ ट्रेड फ्रंट पर भारत को राहतभरी खबर मिल सकती है. खबर है कि अमेरिका भारत को व्यापार में तरजीह देने वाला दर्जा वापस देने पर विचार कर रहा है. अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार में व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइज़र ने सीनेटर्स को बताया है कि अगर भारत की तरफ से बदले में उन्हें बढ़िया प्रस्ताव मिलता है तो वो अपने व्यापार में तरजीह देने वाले प्रोग्राम Generalized System of Preferences (GSP) का दर्जा उसे वापस कर सकते हैं. लाइटहाइज़र ने सीनेट फाइनेंस कमिटी के सदस्यों से कहा, 'हम भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमने उनका GSP वापस ले लिया था. हम इसे उन्हें वापस करने पर विचार कर रहे हैं, अगर इमें इसके बदले में उनकी ओर से बढ़िया प्रस्ताव दिया जाता है, तो हम उन्हें यह ओहदा वापस दे देंगे.'
बता दें कि पिछले साल मार्च में अमेरिका ने भारत को विकासशील देशों को दिए जाने वाले अपने ड्यूटी-फ्री बेनेफिशियरी प्रोग्राम से बाहर निकाल दिया था. भारत इस प्रोग्राम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है. इसके तहत लाभ पाने वाले देशों को कुछ विशेष इंपोर्ट यानी आयात पर टैरिफ नहीं देना होता है. चूंकि अमेरिका भारत पर अपने आयात पर बहुत ऊंचे टैरिफ यानी शुल्क लगाने की शिकायत करता रहा है, इसके बाद उसने भारत से पिछले साल यह दर्जा वापस ले लिया था.
लाइटहाइज़र ने वॉशिंगटन की सीनेटर मारिया कैंटवेल की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका ने ऐसा अभी किया नहीं है लेकिन दोनों देश काफी सक्रियता से इस संबंध में नेगोसिएशन कर रहे हैं. लाइटहाइज़र ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार पहलुओं को लेकर अहम बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा, 'आप सब जानते ही होंगे कि हम भारत के साथ बड़े ट्रेड डील को लेकर बातचीत कर रहे हैं. संभावना यह भी है कि हम एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की ओर भी बढ़ेंगे.'
अमेरिका के कई सांसदों ने अपने राज्यों में भारत को मिले GSP दर्जा हटाए जाने से नुकसान की शिकायत की है. पिछले साल जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे, तो यहां के कई रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को खत लिखकर भारत को उसका GSP दर्जा वापस करने की मांग की थी. उन्होंने ट्रंप की भारत यात्रा पर भी उनके हाथों पीएम मोदी को खत भेजा था.
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