वो अंधे हैं जिन्हें भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत नहीं दिखती : अमेरिकी सांसद

अमेरिका में विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी समिति की उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ सांसद हैली स्टीवन्स ने कहा, “मेरा मानना है कि एक मजबूत भारत का मतलब एक मजबूत अमेरिका है.”

वो अंधे हैं जिन्हें भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत नहीं दिखती : अमेरिकी सांसद

अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई.

अमेरिका (US) के तीन प्रभावशाली सांसदों ने कहा है कि एक मजबूत भारत (India) का मतलब एक मजबूत अमेरिका है. उन्होंने ऐसे समय में विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई है, जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है. अमेरिकी सांसदों ने भारत के केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के सम्मान में वॉशिंगटन (Washington) स्थित भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित एक भोज में यह टिप्पणी की.विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी समिति की उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ सांसद हैली स्टीवन्स ने कहा, “मेरा मानना है कि एक मजबूत भारत का मतलब एक मजबूत अमेरिका है.”

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन से लेकर महामारी तक जटिल वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे बड़े भौगोलिक क्षेत्र वाले दो लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारी दुर्दशा; चुनौतियां जिन्हें हम अवसरों में बदल सकते हैं, चुनौतियां जो उद्यमशीलता के अवसर पैदा करती हैं; चुनौतियां जो हमें एक साथ आने के लिए बाध्य करती हैं. इसलिए मैं भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रिश्तों में यकीन करती हूं.”

वहीं, सांसद जैरी मैक्नर्नी ने कहा कि जो व्यक्ति भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की अहमियत को नहीं देख सकता, वह ‘दृष्टिहीन' है. सांसद डेबोरा रॉस ने भी भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों की वकालत की. रॉस सदन की विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी समिति के अलावा न्यायिक समिति की भी सदस्य हैं.

I2U2 में भी हुई प्रगति 

इसी बीच भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका के ‘आई2यू2' (I2U2) समूह ने अपनी आर्थिक साझेदारी को गहरा करने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

समूह ने कृषि व स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित अपनी मौजूदा परियोजनाओं में हुई प्रगति का जायजा लिया और ‘आई2यू2' के उद्देश्यों को पूरा करने में संभावित तौर पर मददगार परियोजनाओं की समीक्षा भी की.

समूह ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर मुलाकात की.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, अवर मंत्री जोस डब्ल्यू फर्नांडीज ने भारत के विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव दम्मू रवि, इज़राइल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक एलोन उशपिज और यूएई के विदेश मंत्री अहमद बिन अली अल सयेघ के साथ बैठक की.

बयान में कहा गया है, ‘‘समूह ने चार देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को गहरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. उसने कृषि व स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित मौजूदा परियोजनाओं में हुई प्रगति का जायजा लिया और समूह के उद्देश्यों को पूरा करने में संभावित तौर पर मददगार परियोजनाओं की समीक्षा भी की.''

बयान के मुताबिक, ‘आई2यू2' समूह ने जुलाई में नेताओं के शिखर सम्मेलन के आधार पर आगे की राह तय करने की उम्मीद भी जताई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इज़राइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान ने जुलाई में पहले ‘आई2यू2' शिखर सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया था.

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भारत, अमेरिका, इज़राइल और यूएई के विदेश मंत्रियों ने अक्टूबर 2021 में एक बैठक के दौरान इस समूह को आकार प्रदान किया था। ‘आई2यू2' से तात्पर्य ‘इंडिया, इज़राइल, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और यूएई' है.