चाबहार बंदरगाह
नई दिल्ली:
अमेरिका ने चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट को पाबंदी से अलग कर दिया है. अमेरिका ने ईरान में विकसित किए जा रहे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह और इसे अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन के निर्माण के लिए भारत को कुछ प्रतिबंधों से छूट दे दी है. ट्रंप प्रशासन का यह फैसला दिखाता है कि ओमान की खाड़ी में विकसित किए जा रहे इस बंदरगाह में भारत की भूमिका को अमेरिका मान्यता देता है.
दरअसल, इस पोर्ट को विकसित करने में भारत की बड़ी भूमिका है और अफ़ग़ानिस्तान तक जाने वाले रेल प्रोजेक्ट को भी प्रतिबंध के दायरे से बाहर किया. ये ईरान के रास्ते अफ़ग़ानिस्तान तक पहुंचने का अहम ज़रिया है. अमेरिका ने अप्रतिबंधित सामानों की आवाजाही को स्वीकार लिया है. भारत का इस प्रोजेक्ट में भारी निवेश है, ये रियायत के लिए अहम है.
इसे इस तरह समझा जा सकता है कि एक दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए और छूट देने में उसका रुख बेहद सख्त है. यह बंदरगाह युद्ध ग्रस्त अफगानिस्तान के विकास के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि गहन विचार के बाद विदेश मंत्री ने 2012 के ईरान स्वतंत्रता एवं प्रसार रोधी अधिनियम के तहत लगाए गए कुछ प्रतिबंधों से छूट देने का प्रावधान किया है जो चाबहार बंदरगाह के विकास, उससे जुड़े एक रेलवे लाइन के निर्माण और बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान के इस्तेमाल वाली, प्रतिबंध से अलग रखी गई वस्तुओं के नौवहन से संबंधित है. साथ ही यह ईरान के पेट्रोलियम उत्पादों के देश में निरंतर आयात से भी जुड़ा हुआ है. (इनपुट भाषा से)
दरअसल, इस पोर्ट को विकसित करने में भारत की बड़ी भूमिका है और अफ़ग़ानिस्तान तक जाने वाले रेल प्रोजेक्ट को भी प्रतिबंध के दायरे से बाहर किया. ये ईरान के रास्ते अफ़ग़ानिस्तान तक पहुंचने का अहम ज़रिया है. अमेरिका ने अप्रतिबंधित सामानों की आवाजाही को स्वीकार लिया है. भारत का इस प्रोजेक्ट में भारी निवेश है, ये रियायत के लिए अहम है.
इसे इस तरह समझा जा सकता है कि एक दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए और छूट देने में उसका रुख बेहद सख्त है. यह बंदरगाह युद्ध ग्रस्त अफगानिस्तान के विकास के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि गहन विचार के बाद विदेश मंत्री ने 2012 के ईरान स्वतंत्रता एवं प्रसार रोधी अधिनियम के तहत लगाए गए कुछ प्रतिबंधों से छूट देने का प्रावधान किया है जो चाबहार बंदरगाह के विकास, उससे जुड़े एक रेलवे लाइन के निर्माण और बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान के इस्तेमाल वाली, प्रतिबंध से अलग रखी गई वस्तुओं के नौवहन से संबंधित है. साथ ही यह ईरान के पेट्रोलियम उत्पादों के देश में निरंतर आयात से भी जुड़ा हुआ है. (इनपुट भाषा से)
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