कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
कुलभूषण जाधव को भारतीय जासूस बताकर फांसी की सजा दिए जाने के बाद भी विकल्प बंद नही हुए हैं.एक तरफ भारतीय सरकार पर जाधव को वापस लाने का दबाव है तो पाकिस्तान पर अंतराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है. महज एक इकबालिया बयान दिखाकर और बिना मुकदमे की जानकारी दिए पाकिस्तान की मिलिटरी कोर्ट ने भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव पर फ़ैसला सुना दिया. अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञों ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाने के पाकिस्तान के निर्णय पर चिंता जतायी है और कहा है कि पाकिस्तान स्वयं को विश्व मंच पर अलग-थलग किए जाने के खिलाफ भारत को एक ‘कड़ा संदेश’ देना चाहता है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौत की सजा की पुष्टि की है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो में पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एलिसा एरिस ने कहा, जाधव के मामले में कई अनियमितताएं हैं जैसे उसे दूतावास पहुंच मुहैया नहीं कराने के अलावा कोर्ट मार्शल को लेकर गोपनीयता बरतना. मुझे सबसे अधिक हैरानी श्रीमान जाधव के मामले की इतनी जल्द सुनवाई पर हुई जबकि मुम्बई हमलावरों के मामले में सुनवायी कितनी बार स्थगित हुई है. एरिस ने कहा, मुम्बई मामले की सुनवाई करीब नौ साल से लटकी हुई है. वर्तमान समय में एरिस विदेश संबंध परिषद में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए सीनियर फेलो हैं.
वाशिंगटन स्थित एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल में दक्षिण एशिया सेंटर के निदेशक भरत गोपालस्वामी का मानना है कि जाधव की दोषसिद्धि के लिए जरूरी सबूत ‘‘कमजोर’’ हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से बताई गई कहानी में ‘‘तारतम्यता नहीं .
गोपालस्वामी ने कहा कि और सबूत मुहैया कराए बिना यह दोषसिद्धि आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामक कूटनीति के जवाब में ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होती है. प्रतिष्ठित वूडरो विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया मामलों से जुड़े उपनिदेशक एवं वरिष्ठ एसोसिएट माइकल कुगलमैन ने कहा, यह पूरी कहानी रहस्य एवं अनिश्चितता में डूबी हुई है. यद्यपि यह स्पष्ट लगता है कि पाकिस्तान भारत को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता है. उन्होंने कहा, वहीं यह देखते हुए कि भारत कितनी हद तक यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि जाधव को फांसी नहीं हो, पाकिस्तान के पास ऐसा कुछ है जिसका इस्तेमाल वह भारत के साथ सौदेबाजी के लिए कर सकता है. पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल भारत से कुछ बड़ी सुविधा हासिल करने के लिए कर सकता है. यद्यपि अमेरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस दोनों ने ही जाधव को सजा सुनाये जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. (इनपुट्स भाषा से)
अमेरिका के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो में पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एलिसा एरिस ने कहा, जाधव के मामले में कई अनियमितताएं हैं जैसे उसे दूतावास पहुंच मुहैया नहीं कराने के अलावा कोर्ट मार्शल को लेकर गोपनीयता बरतना. मुझे सबसे अधिक हैरानी श्रीमान जाधव के मामले की इतनी जल्द सुनवाई पर हुई जबकि मुम्बई हमलावरों के मामले में सुनवायी कितनी बार स्थगित हुई है. एरिस ने कहा, मुम्बई मामले की सुनवाई करीब नौ साल से लटकी हुई है. वर्तमान समय में एरिस विदेश संबंध परिषद में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए सीनियर फेलो हैं.
वाशिंगटन स्थित एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल में दक्षिण एशिया सेंटर के निदेशक भरत गोपालस्वामी का मानना है कि जाधव की दोषसिद्धि के लिए जरूरी सबूत ‘‘कमजोर’’ हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से बताई गई कहानी में ‘‘तारतम्यता नहीं .
गोपालस्वामी ने कहा कि और सबूत मुहैया कराए बिना यह दोषसिद्धि आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामक कूटनीति के जवाब में ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होती है. प्रतिष्ठित वूडरो विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया मामलों से जुड़े उपनिदेशक एवं वरिष्ठ एसोसिएट माइकल कुगलमैन ने कहा, यह पूरी कहानी रहस्य एवं अनिश्चितता में डूबी हुई है. यद्यपि यह स्पष्ट लगता है कि पाकिस्तान भारत को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता है. उन्होंने कहा, वहीं यह देखते हुए कि भारत कितनी हद तक यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि जाधव को फांसी नहीं हो, पाकिस्तान के पास ऐसा कुछ है जिसका इस्तेमाल वह भारत के साथ सौदेबाजी के लिए कर सकता है. पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल भारत से कुछ बड़ी सुविधा हासिल करने के लिए कर सकता है. यद्यपि अमेरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस दोनों ने ही जाधव को सजा सुनाये जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. (इनपुट्स भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं