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ट्रंप की अलटी-पलटी पॉलिसी से ‘ICU’ में अमेरिका की इकनॉमी? समझें एक्सपर्ट क्यों दे रहे अल्टीमेटम 

जेपी मॉर्गन चेज के मुख्य कार्यकारी (CEO) जेमी डिमन ने ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों के कारण अमेरिका के उभरते ऋण बाजार संकट के खतरे पर चिंता व्यक्त की है.

ट्रंप की अलटी-पलटी पॉलिसी से ‘ICU’ में अमेरिका की इकनॉमी? समझें एक्सपर्ट क्यों दे रहे अल्टीमेटम 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में उनके विरोधी से लेकर उनके कट्टर समर्थक तक, एक बात पर आम सहमति रखते हैं- वो ये कि ट्रंप अन्प्रिडिक्टेबल हैं. यानी वो आगे क्या करेंगे, किसी को नहीं पता. जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर बैठने के बाद से ट्रंप ने टैरिफ से लेकर डिपोर्टेशन तक, तमाम मुद्दों पर ऐसे स्टैंड लिए हैं जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने आज से 6 महीने पहले लगाई थी. कमाल है कि ट्रंप अपने उन फैसलों पर टिके रहेंगे, इसका भी कोई दावा नहीं कर सकता. वो अपने अतरंगी बयानों की तरह ही फैसले लेने के बाद उससे यूटर्न लेने के लिए भी जाने जाते हैं. ट्रंप के इन फ्लिप-फ्लॉप पॉलिसी का सबसे बड़ा असर अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है. हालांकि पहली मार अमेरिका को ही लगती दिख रही है. जेपी मॉर्गन चेज के मुख्य कार्यकारी (CEO) जेमी डिमन ने ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों के कारण अमेरिका के उभरते ऋण बाजार संकट के खतरे पर चिंता व्यक्त की है.

ट्रंप की आर्थिक नीति- अमेरिका के लिए खतरे की घंटी?

जेमी डिमन ने फॉक्स बिजनेस नेटवर्क के "मॉर्निंग्स विद मारिया" शो में अपनी बात रखी है. उन्होंने इस इंटरव्यू में मारिया बार्टिरोमो को बताया कि "यह (ऋण बाजार संकट) एक बड़ी बात है. यह एक वास्तविक समस्या है.. बॉन्ड बाजार में कठिन समय आने वाला है. मुझे नहीं पता कि यह छह महीने में आएगा या छह साल में."

डिमन ने आगाह किया कि एक बार जब निवेशक बढ़ते ऋण स्तर के प्रभाव के बारे में जान जाएंगे, तो ब्याज दरें आसमान छू जाएंगी और बाजार बाधित हो जाएंगे. उनके अनुसार यह बात दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी अमेरिका के लिए एक खतरनाक परिदृश्य है.

उन्होंने कहा कि निवेशक देश, कानून के शासन, महंगाई दरों, केंद्रीय बैंक नीतियों को देख रहे हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर लोग तय करते हैं कि अमेरिकी डॉलर में निवेश करना उनके लिए सही जगह नहीं है," तो अमेरिकी ऋण का वित्तपोषण करना और अधिक महंगा हो जाएगा. गौरतलब है कि ऐतिहासिक रूप से अमेरिका अपनी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए कम ब्याज वाले अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर भरोसा करता रहा है. उसे दिखता है कि बाजार में उसके ट्रेजरी बॉन्ड की मांग है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विभाजनकारी बजट योजना के बारे में चिंताओं के बीच, पिछले सप्ताह इन ट्रेजरी बॉन्ड से होने वाली कमाई (ईल्ड) थोड़े समय के लिए बढ़ा दी थी. यह योजना अन्य बातों के अलावा, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान शुरू की गई भारी कर छूट (टैक्स रिबेट) का विस्तार करेगी, जिससे अमेरिका की संघीय घाटा बढ़ने की आशंका बढ़ जाएगी. 

मई के मध्य में ऐसा पहली बार हुआ जब अमेरिका ने मूडीज़ से अपनी ट्रिपल-ए क्रेडिट रेटिंग खो दी. मूडीज ने इसे डाउनग्रेड (घटाकर) करके इसे AA1 कर दिया है. इस रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी दी कि उसे उम्मीद है कि अगले दशक में अमेरिका का संघीय घाटा नाटकीय रूप से बढ़ेगा.

ट्रंप खुद दे रहे इकनॉमी को झटका, लेकिन मानने को तैयार नहीं

ट्रंप की दुनिया भर के देशों पर भारी टैरिफ लगाने की बार-बार घोषणाएं भी काफी अनिश्चितता पैदा कर रही हैं. इसकी वजह से बाजार में अस्थिरता पैदा हो रही है. जेमी डिमन ने पहले ही अप्रैल में टैरिफ, व्यापार युद्ध, महंगाई और बजट घाटे के प्रभाव की ओर इशारा करते हुए अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर "काफी अशांति" की चेतावनी दी थी. 

हालांकि दूसरी तरफ अमेरिका के ट्रेजरी सचिव (वित्त मंत्री) स्कॉट बेसेंट ने रविवार को ऋण बाजार संकट को लेकर डिमन की तरफ से की गई भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया.  बेसेंट ने सीबीएस पर दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "मैं जेमी को लंबे समय से जानता हूं और अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने इसी तरह की भविष्यवाणियां की हैं.. सौभाग्य से, उनमें से सभी सच नहीं हुए हैं."

बेसेंट ने यह स्वीकार किया कि वह कर्ज के स्तर को लेकर चिंतित हैं लेकिन उन्होंने कहा, "इस साल घाटा पिछले साल के घाटे से कम होगा और दो साल में यह फिर से कम हो जाएगा." बेसेंट ने कहा, "हम घाटे को धीरे-धीरे कम करने जा रहे हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि घाटे को सही करना एक "लंबी प्रक्रिया" है. उन्होंने कहा कि "लक्ष्य अगले चार वर्षों में इसे कम करना है, (और) 2028 में देश को अच्छी स्थिति में छोड़ना है."

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