अमेरिका ने पुरजोर तरीके से इन खबरों का खंडन किया कि विदेश स्थित उसके मिशनों में विदेशी कर्मचारियों को प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम का वेतन दिया जाता है।
अमेरिका ने कहा है कि उसकी वेतन योजनाएं क्षेत्र विशेष की 'मौजूदा वेतन दरों और मुआवजा नियमों' पर आधारित हैं। वर्ष 2009 की विदेश विभाग के महानिदेशक कार्यालय की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर विदेश विभाग की प्रवक्ता ऐमिली होर्न ने कहा, यह सही नहीं है। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि विदेशों में अमेरिकी राजनयिक मिशनों द्वारा नौकरी पर रखे गए स्थानीय कर्मचारियों को प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम का वेतन मिलता है।
उन्होंने कहा, 1980 के विदेश सेवा अधिनियम की धारा 408 के अनुसार हमारी मुआवजा योजनाएं रोजगार संबंधी स्थानीय क्षेत्र की मौजूदा वेतन दरों और मुआवजा योजनाओं पर आधारित होती हैं। होर्न ने कहा, हम किसी भी क्षेत्र में मौजूदा परंपराओं के अनुसार कर्मचारियों को लाभों का बंटवारा भी करते हैं। जिन बाजारों में मुद्रास्फीति अधिक है या आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता है, वहां हम वेतनों पर करीब से नजर रखते हैं और उसी के अनुसार उनमें समायोजन करते हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका अपने विदेशी राजनयिक मिशनों में अपने राजनयिकों की मदद के लिए हजारों की संख्या में स्थानीय कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं। वर्ष 2008 में दुनियाभर में अमेरिकी मिशनों में 51 हजार से अधिक स्थानीय कर्मचारी काम कर रहे थे।
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