वाशिंगटन:
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के विचारों के विपरीत नए रक्षामंत्री चक हैगल ने आरोप लगाया है कि भारत वर्षों से अफगानिस्तान में पाकिस्तान से लगी सीमा पर समस्याओं का वित्तपोषण कर रहा है।
ओकलाहोमा कैमरून यूनिवर्सिटी में वर्ष 2011 में दिए गए एक भाषण (जो कभी बाहर नहीं आया) के वीडियो को 'वाशिंगटन फ्री बेकन्स' ने अपलोड किया है। भारत ने इस भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणियां अफगानिस्तान के कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता की 'सच्चाई के विपरीत' हैं।
वहीं भारत सरकार और विपक्ष दोनों ने कहा है कि अमेरिका के नए रक्षामंत्री को तथ्यों को ठीक से जांच−परख लेना चाहिए और दूसरे देशों के मामले में दखल देने से बचना चाहिए। इस मामले में विपक्ष ने सरकार से अमेरिका को उचित जवाब देने के लिए कहे जाने की मांग की है।
हैगल ने अपने भाषण में कहा था, कुछ वक्त से भारत ने अफगानिस्तान को हमेशा युद्ध के दूसरे मोर्चे (पाकिस्तान के साथ युद्ध का दूसरा मोर्चा) के रूप में इस्तेमाल किया है और भारत वर्षों से पाकिस्तान की सीमा (अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा) पर उत्पन्न समस्याओं का वित्तपोषण कर रहा है। इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां भारतीय दूतावास ने कहा है, लंबे समय से भारत के मित्र और भारत-अमेरिका के निकट संबंधों की सिफारिश करने वाले सीनेटर हैगल की यह टिप्पणियां अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सच्चाई के बिल्कुल विपरीत हैं।
भारतीय दूतावास का कहना है कि शांतिपूर्ण, स्थायी और समृद्ध अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दृढ़ है और यह अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था तथा ढांचागत सुविधाओं के विकास में हमारी मदद से साफ झलकता है। दूतावास ने कहा है, आतंकवाद और हमारे पड़ोस में उसकी सुरक्षित पनाहगाहों पर हमारा विरोध दृढ़ और अचल है। उसने कहा, भारत के विकास सहयोग की लोगों और अफगानिस्तान सरकार ने प्रशंसा की है और अमेरिका सहित अन्य मित्रों ने भी इसे पसंद किया है।
ओकलाहोमा कैमरून यूनिवर्सिटी में वर्ष 2011 में दिए गए एक भाषण (जो कभी बाहर नहीं आया) के वीडियो को 'वाशिंगटन फ्री बेकन्स' ने अपलोड किया है। भारत ने इस भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणियां अफगानिस्तान के कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता की 'सच्चाई के विपरीत' हैं।
वहीं भारत सरकार और विपक्ष दोनों ने कहा है कि अमेरिका के नए रक्षामंत्री को तथ्यों को ठीक से जांच−परख लेना चाहिए और दूसरे देशों के मामले में दखल देने से बचना चाहिए। इस मामले में विपक्ष ने सरकार से अमेरिका को उचित जवाब देने के लिए कहे जाने की मांग की है।
हैगल ने अपने भाषण में कहा था, कुछ वक्त से भारत ने अफगानिस्तान को हमेशा युद्ध के दूसरे मोर्चे (पाकिस्तान के साथ युद्ध का दूसरा मोर्चा) के रूप में इस्तेमाल किया है और भारत वर्षों से पाकिस्तान की सीमा (अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा) पर उत्पन्न समस्याओं का वित्तपोषण कर रहा है। इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां भारतीय दूतावास ने कहा है, लंबे समय से भारत के मित्र और भारत-अमेरिका के निकट संबंधों की सिफारिश करने वाले सीनेटर हैगल की यह टिप्पणियां अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सच्चाई के बिल्कुल विपरीत हैं।
भारतीय दूतावास का कहना है कि शांतिपूर्ण, स्थायी और समृद्ध अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दृढ़ है और यह अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था तथा ढांचागत सुविधाओं के विकास में हमारी मदद से साफ झलकता है। दूतावास ने कहा है, आतंकवाद और हमारे पड़ोस में उसकी सुरक्षित पनाहगाहों पर हमारा विरोध दृढ़ और अचल है। उसने कहा, भारत के विकास सहयोग की लोगों और अफगानिस्तान सरकार ने प्रशंसा की है और अमेरिका सहित अन्य मित्रों ने भी इसे पसंद किया है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं