न्यूयॉर्क:
अमेरिका की एक अदालत 27 जून को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। कांग्रेस ने याचिका में 1984 के सिख-विरोधी दंगों के मामले में कानून की अवधि समाप्त होने के आधार पर मामले की सुनवाई खारिज करने या उस पर रोक लगाने की मांग की है।
न्यूयॉर्क के दक्षिणी डिस्ट्रिक्ट में न्यायाधीश रॉबर्ट स्वीट ने सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। कांग्रेस के वकीलों का कहना था कि सिख समुदाय के संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (एसएफजे) की ओर जो दावा किया गया है उसकी समय-सीमा समाप्त हो गई है क्योंकि वे इस घटना के 25 साल से भी लम्बा समय बीत जाने के बाद इसकी शिकायत कर रहे हैं। इतने लम्बे समय में कानूनी कार्रवाई की अवधि समाप्त हो गई है।
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने भी अमेरिकी अदालत में याचिका को खारिज करने की मांग के समर्थन में एक हलफनामा दाखिल किया है। उनका कहना है कि याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया जाए कि न्यूयॉर्क लिटिगेशन की ओर से हेग सर्विस कन्वेंशन के अनुसार कांग्रेस पार्टी को न तो सम्मन जारी किए गए हैं और न ही उसकी शिकायत की गई है। पार्टी पूर्व में अमेरिकी फेडरल कोर्ट के इस मामले में सुनवाई के फैसले को चुनौती दे चुकी है।
एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पानून ने कहा कि शिकायतकर्ता अदालत से इस निवेदन को अस्वीकार करने के लिए कहेंगे क्योंकि मुकदमे की जानकारी होने के बावजूद व इन मुद्दों को उठाने के कई अवसर मिलने के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और इसलिए वह मामले से सुरक्षित नहीं हो सकती।
न्यूयॉर्क के दक्षिणी डिस्ट्रिक्ट में न्यायाधीश रॉबर्ट स्वीट ने सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। कांग्रेस के वकीलों का कहना था कि सिख समुदाय के संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (एसएफजे) की ओर जो दावा किया गया है उसकी समय-सीमा समाप्त हो गई है क्योंकि वे इस घटना के 25 साल से भी लम्बा समय बीत जाने के बाद इसकी शिकायत कर रहे हैं। इतने लम्बे समय में कानूनी कार्रवाई की अवधि समाप्त हो गई है।
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने भी अमेरिकी अदालत में याचिका को खारिज करने की मांग के समर्थन में एक हलफनामा दाखिल किया है। उनका कहना है कि याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया जाए कि न्यूयॉर्क लिटिगेशन की ओर से हेग सर्विस कन्वेंशन के अनुसार कांग्रेस पार्टी को न तो सम्मन जारी किए गए हैं और न ही उसकी शिकायत की गई है। पार्टी पूर्व में अमेरिकी फेडरल कोर्ट के इस मामले में सुनवाई के फैसले को चुनौती दे चुकी है।
एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पानून ने कहा कि शिकायतकर्ता अदालत से इस निवेदन को अस्वीकार करने के लिए कहेंगे क्योंकि मुकदमे की जानकारी होने के बावजूद व इन मुद्दों को उठाने के कई अवसर मिलने के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और इसलिए वह मामले से सुरक्षित नहीं हो सकती।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
US Court To Hear Anti-Sikh Riots, Anti-Sikh Riots, अमेरिकी अदालत में सिख विरोधी दंगे, सिख विरोधी दंगे