जर्मन की बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर (BioNTech/Pfizer) ने शुक्रवार को दावा किया कि उसकी वैक्सीन (Corona Vaccine) पहले के मुकाबले ज्यादा गर्म तापमान में सुरक्षित रखी जा सकती है. इससे इन वैक्सीन की कोल्ड चेन बनाना और एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान होगा.
कंपनी का कहना है कि उसने यूएस फंड एंड ड्रग एसोसिएशन से कोरोना वैक्सीन को दो हफ्ते तक -25 से 15 डिग्री सेल्सियस के तापमान में संरक्षित रखने की इजाजत मांगी है. इतना तापमान फार्मास्यूटिकल फ्रीजर या सामान्य फ्रिज में रहता है. मौजूदा गाइडलाइन के अनुसार, बायोनटेक और फाइजर (BioNTech/Pfizer) की वैक्सीन को इस्तेमाल के पांच दिन पहले -80 से -60 डिग्री के तापमान में रखा जाता है. इसको एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बेहद ठंडे कंटेनरों की जरूरत पड़ती है और ड्राई आइस का सहारा लेना पड़ता है. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोउरला (Pfizer CEO Albert Bourla) ने कहा कि अगर इसे मंजूर कर लिया जाता है तो फार्मेसी और वैक्सीनेशन केंद्रों को टीके की आपूर्ति का प्रबंधन करने में बेहद सहूलियत होगी.
बायोनेटक-फाइजर की वैक्सीन एमआरएनए तकनीक पर आधारित है. यह पहली वैक्सीन थी, जिसे कोविड-19 वायरस के खिलाफ आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली था. इसके बाद मॉडर्ना की वैक्सीन को हरी झंडी दी गई थी. मॉडर्ना की वैक्सीन छह माह तक -20 डिग्री सेल्सियस के तापमान में और सामान्य फ्रिज में 30 दिनों तक सुरक्षित रखी जा सकती है. जबकि एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की वैक्सीन कोविशील्ड सामान्य फ्रिज में कहीं भी ले जाई जा सकती है और सुरक्षित रहती है.
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