पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह 2008 मुंबई हमले को पूरे जोर-शोर से आगे बढ़ा रहा है और उसने हमले के सरगना जकीउर रहमान लखवी को जमानत मिलने पर मची 'हाय-तौबा' को 'दुर्भाग्यूपर्ण' बताया।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तस्नीम असलम ने कहा, 'मामला न्यायालय के विचाराधीन है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लखवी को जमानत मिलने पर गैर-जरूरी हाय-तौबा मचाया गया। यह कानूनी मसले हैं और 'मीडिया ट्रायल' का कोई लाभ नहीं है। हमें मामले के परिणाम का इंतजार करना चाहिए। मामले में अच्छी प्रगति हो रही है।'
उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह समझौता एक्सप्रेस पर आतंकवादी हमले की जानकारी उसके साथ साझा नहीं कर रहा है।
असलम ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं आपका ध्यान समझौता एक्सप्रेस आतंकवादी हमले के संबंध में बिलकुल अलग स्थिति की ओर आकषिर्त करना चाहती हूं, जिसमें करीब 50 पाकिस्तानी मारे गए थे। जांच और हमले के सरगना स्वामी असीमानंद का इकबालिया बयान इसमें भारतीय सेना के अधिकारियों और बड़े राजनीतिक दलों से जुड़े संगठनों के शामिल होने की ओर संकेत करता है।'
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद असीमानंद को 28 अगस्त 2014 को जमानत मिल गई। हालांकि, समझौता एक्सप्रेस आतंकवादी हमला मुंबई हमले से करीब दो साल पहले हुआ था। यह बहुत निराश करने वाली बात है कि उच्चस्तर पर आश्वासन मिलने के बरवजूद भारत ने समझौता एक्सप्रेस आतंकवादी हमले के जांच परिणाम साझा नहीं किए हैं।'
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तस्नीम असलम ने कहा, 'हम तुलना नहीं करते और समान तरीका नहीं अपनाते। अभियोजन पक्ष पूरे जोश से मुंबई मामले को आगे बढ़ा रहा है।' मुंबई हमला मामले में 54 वर्षीय लखवी को 18 दिसंबर को जमानत मिल गयी थी लेकिन उसे लोक व्यवस्था रखरखाव कानून (एमपीओ) के तहत हिरासत में ही रखा गया। उसने अपनी हिरासत को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसने सरकार के आदेश को निलंबित कर दिया जिसपर भारत ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दी।
पाकिस्तान सरकार ने लखवी की हिरासत को निलंबित करने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। लखवी को अपहरण के एक मामले में आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जिसका अर्थ है कि वह अभी जेल में ही रहेगा।
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