संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बैठक का फाइल फोटो...
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तरी कोरिया के हालिया मिसाइल प्रक्षेपण से जुड़ा बयान जारी करने के बारे में विचार करने के लिए राजी हो गया है.
संयुक्त राष्ट्र में मलेशिया के राजदूत एवं परिषद के वर्तमान अध्यक्ष रमलान बिन इब्राहिम ने कल बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, 'परिषद के ज्यादातर सदस्यों में इस मुद्दे पर निंदा की सामान्य भावना थी'. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रेस वक्तव्य तैयार कर रहा है और हम इस पर गौर करेंगे.
उत्तरी कोरिया के पहले के मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका ने भी प्रेस वक्तव्य जारी करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन राजनयिकों ने कहा कि चीन ने इस बात पर जोर दिया था कि इसमें दक्षिण कोरिया में उच्च स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात किए जाने की अमेरिकी योजनाओं का भी जिक्र किया जाए. इसलिए अमेरिका ने अपना बयान छोड़ दिया. राजनयिकों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि ये सारी बातें निजी थीं.
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद ने मार्च में उत्तरी कोरिया पर दो दशक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. ये प्रतिबंध प्योंगयांग द्वारा हाल में किए गए परमाणु परीक्षण और रॉकेट प्रक्षेपण पर बढ़ते गुस्से की वजह से लगाए गए, क्योंकि उसके ये परीक्षण सभी प्रकार की परमाणु गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन थे.
चीन, रूस और अन्य सदस्यों ने इन प्रतिबंधों को स्वीकार करने के बाद यह उम्मीद जताई थी कि इन प्रतिबंधों के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के अपरमाणवीकरण को लेकर छह-पक्षीय वार्ता तत्काल बहाल होगी. उत्तर कोरिया इन वार्ताओं से 2008 में हट गया था.
लेकिन उत्तरी कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण जारी रखे, जिसके कारण तनाव बढ़ गया है. अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया की ओर से युद्ध अभ्यास शुरू किए जाने के दो दिन बाद कल यह प्रक्षेपण किया गया. उत्तर कोरिया इन दोनों देशों के इस अभ्यास को हमले के अभ्यास के तौर पर देखता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संयुक्त राष्ट्र में मलेशिया के राजदूत एवं परिषद के वर्तमान अध्यक्ष रमलान बिन इब्राहिम ने कल बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, 'परिषद के ज्यादातर सदस्यों में इस मुद्दे पर निंदा की सामान्य भावना थी'. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रेस वक्तव्य तैयार कर रहा है और हम इस पर गौर करेंगे.
उत्तरी कोरिया के पहले के मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका ने भी प्रेस वक्तव्य जारी करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन राजनयिकों ने कहा कि चीन ने इस बात पर जोर दिया था कि इसमें दक्षिण कोरिया में उच्च स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात किए जाने की अमेरिकी योजनाओं का भी जिक्र किया जाए. इसलिए अमेरिका ने अपना बयान छोड़ दिया. राजनयिकों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि ये सारी बातें निजी थीं.
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद ने मार्च में उत्तरी कोरिया पर दो दशक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. ये प्रतिबंध प्योंगयांग द्वारा हाल में किए गए परमाणु परीक्षण और रॉकेट प्रक्षेपण पर बढ़ते गुस्से की वजह से लगाए गए, क्योंकि उसके ये परीक्षण सभी प्रकार की परमाणु गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन थे.
चीन, रूस और अन्य सदस्यों ने इन प्रतिबंधों को स्वीकार करने के बाद यह उम्मीद जताई थी कि इन प्रतिबंधों के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के अपरमाणवीकरण को लेकर छह-पक्षीय वार्ता तत्काल बहाल होगी. उत्तर कोरिया इन वार्ताओं से 2008 में हट गया था.
लेकिन उत्तरी कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण जारी रखे, जिसके कारण तनाव बढ़ गया है. अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया की ओर से युद्ध अभ्यास शुरू किए जाने के दो दिन बाद कल यह प्रक्षेपण किया गया. उत्तर कोरिया इन दोनों देशों के इस अभ्यास को हमले के अभ्यास के तौर पर देखता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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