संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अमेरिका में कार्रवाई के अभाव में नस्लभेदी विमर्श और घटनाओं के प्रसार को बल मिला है
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने शैरलॉट्सविला और समूचे देश में नस्ली हिंसा की घटनाओं को स्पष्ट तौर पर खारिज करने में सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर नाकामी के लिए अमेरिकी सरकार की कड़ी आलोचना की है.
बीते 12 अगस्त को अमेरिका के वर्जीनिया के शैरलॉट्सविला में श्वेत सर्वश्रेष्ठवादियों की एक रैली के खिलाफ मार्च कर रही भीड़ पर एक कार चढ़ा दी थी जिसमें एक महिला मारी गई थी जबकि 19 अन्य जख्मी हो गए थे. कॉन्फेडरेट जनरल रॉबर्ट ई. ली की प्रतिमा लगे उद्यान पर कब्जे के विरोध के लिए आए लोगों और चरम दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के बीच झड़पें हुई थीं. झड़पों के बाद आपातकाल घोषित कर दिया गया था और पुलिस एवं सुरक्षा बलों को दंगों से निपटने के लिए तैनात किया गया था.
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बगैर नस्ली भेदभाव उन्मूलन संबंधी संयुक्त राष्ट्र की समिति ने कहा कि शैरलॉट्सविला में नस्ली हिंसक घटनाओं को स्पष्ट तौर पर खारिज करने और उनकी निंदा करने में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सर्वोच्च राजनीतिक स्तर की नाकामी से इसके सदस्य परेशान हैं. समिति ने कहा कि कार्रवाई के अभाव में नस्लभेदी विमर्श और घटनाओं के प्रसार को बल मिला है.
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समिति ने अमेरिकी सरकार, उच्च-पदस्थ नेताओं और लोक सेवकों से अपील की कि वे शैरलॉट्सविला और समूचे देश में नस्ली, नफरत भरे बयानों और अपराधों की स्पष्ट तौर पर और बिना किसी शर्त के निंदा करें और उन्हें खारिज करें. समिति ने कहा कि दुनिया में श्रेष्ठवादी विचारों या ऐसी किसी विचारधारा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीते 12 अगस्त को अमेरिका के वर्जीनिया के शैरलॉट्सविला में श्वेत सर्वश्रेष्ठवादियों की एक रैली के खिलाफ मार्च कर रही भीड़ पर एक कार चढ़ा दी थी जिसमें एक महिला मारी गई थी जबकि 19 अन्य जख्मी हो गए थे. कॉन्फेडरेट जनरल रॉबर्ट ई. ली की प्रतिमा लगे उद्यान पर कब्जे के विरोध के लिए आए लोगों और चरम दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के बीच झड़पें हुई थीं. झड़पों के बाद आपातकाल घोषित कर दिया गया था और पुलिस एवं सुरक्षा बलों को दंगों से निपटने के लिए तैनात किया गया था.
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समिति ने अमेरिकी सरकार, उच्च-पदस्थ नेताओं और लोक सेवकों से अपील की कि वे शैरलॉट्सविला और समूचे देश में नस्ली, नफरत भरे बयानों और अपराधों की स्पष्ट तौर पर और बिना किसी शर्त के निंदा करें और उन्हें खारिज करें. समिति ने कहा कि दुनिया में श्रेष्ठवादी विचारों या ऐसी किसी विचारधारा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
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