संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया की ओर से किए गए तीसरे परमाणु परीक्षण की आज ‘कड़ी निंदा’ की और उसकी इस कार्रवाई की प्रतिक्रिया में ‘उचित कदम’ उठाने का संकल्प जताया।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह ‘गंभीर उल्लंघन’ के साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा भी है।
वर्तमान में दक्षिण कोरिया की अध्यक्षता वाली सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से उत्पन्न होने वाली ‘गंभीर’ स्थिति पर चर्चा करने के लिए तत्काल विचार विमर्श किया।
परिषद ने बैठक के बाद जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसके सदस्य इस ‘उल्लंघन की गंभीरता’ को देखते हुए ‘सुरक्षा परिषद प्रस्ताव में उल्लेखित कदमों पर तत्काल अंजाम देना शुरू कर देंगे।’ सुरक्षा परिषद ने गत महीने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें उसने कहा था कि वह उत्तर कोरिया की ओर से और कोई परमाणु परीक्षण करने पर ‘उल्लेखनीय कार्रवाई’ करेगा।
बयान में कहा गया है, सुरक्षा परिषद के सदस्य इस परीक्षण की कड़ी निंदा करते हैं। यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है और ‘‘.. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए स्पष्ट खतरा बना हुआ है।’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी इस भूमिगत परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए जारी एक बयान में कहा, प्योंगयोंग की ओर से उकसावे की कार्रवाई से बचने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान की अवज्ञा करना निंदनीय है। बान ने यह विश्वास भी जताया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एकजुट रहेगी और समुचित कार्रवाई करेगी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह ‘गंभीर उल्लंघन’ के साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा भी है।
वर्तमान में दक्षिण कोरिया की अध्यक्षता वाली सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से उत्पन्न होने वाली ‘गंभीर’ स्थिति पर चर्चा करने के लिए तत्काल विचार विमर्श किया।
परिषद ने बैठक के बाद जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसके सदस्य इस ‘उल्लंघन की गंभीरता’ को देखते हुए ‘सुरक्षा परिषद प्रस्ताव में उल्लेखित कदमों पर तत्काल अंजाम देना शुरू कर देंगे।’ सुरक्षा परिषद ने गत महीने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें उसने कहा था कि वह उत्तर कोरिया की ओर से और कोई परमाणु परीक्षण करने पर ‘उल्लेखनीय कार्रवाई’ करेगा।
बयान में कहा गया है, सुरक्षा परिषद के सदस्य इस परीक्षण की कड़ी निंदा करते हैं। यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है और ‘‘.. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए स्पष्ट खतरा बना हुआ है।’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी इस भूमिगत परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए जारी एक बयान में कहा, प्योंगयोंग की ओर से उकसावे की कार्रवाई से बचने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान की अवज्ञा करना निंदनीय है। बान ने यह विश्वास भी जताया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एकजुट रहेगी और समुचित कार्रवाई करेगी।
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