संयुक्त राष्ट्र:
उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एकमत से निंदा की है. हालांकि अमेरिका ने 'केवल शब्दों से नहीं' बल्कि कड़ी कार्रवाई पर जोर दिया है. समाचार एजेंसी एफे न्याज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद रविवार को उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने व्यक्तिगत तौर पर मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की निगरानी की, जिसे जापान सागर में छोड़ा गया.
सुरक्षा परिषद ने सोमवार को साक्ष्य के विश्लेषण के लिए आपात बैठक बुलाई और एक बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की.
बयान में सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खिलाफ महत्वपूर्ण उपाय करने की चेतावनी दी, जिससे उसपर लगे प्रतिबंध और कड़े होंगे.
परिषद के सभी 15 सदस्यों ने विज्ञप्ति में कहा कि परिषद ने घोषणा की है कि उत्तर कोरिया द्वारा किया गया मिसाइल परीक्षण उसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का 'गंभीर उल्लंघन' है और इस तरह की गतिविधि को रोकने की अपील की.
हालांकि, कोई भी सदस्य देश संभावित ठोस कार्रवाई की बात नहीं करना नहीं चाहता, जबकि कई सदस्यों ने मौजूदी प्रतिबंधों को और कड़ा करने पर जोर दिया.
उत्तर कोरिया की मिसाइल परीक्षण का पहली बार सामना करने वाली अमेरिका की नई सरकार ने परिषद से आह्वान किया कि ये परीक्षण पूरी तरह 'अस्वीकार्य' हैं.
का सामना किया है. उन्होंने परिषद से कहा, "अमेरिका उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस तरह के किसी भी परीक्षण को अस्वीकार्य करता है."
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने एक बयान में कहा, "यह समय उत्तर कोरिया को केवल शब्दों से जवाब देने का नहीं, बल्की कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है."
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ जरूरी बैठक के लिए आग्रह करने वाले जापान ने कहा कि वह प्योंगयांग के खिलाफ कोई नया प्रतिबंध नहीं चाहता, बल्कि मौजूदा प्रतिबंधों को और कड़ा करने की जरूरत है.
चीन ने भी उत्तर कोरिया द्वारा रविवार को किए गए परीक्षण की निंदा की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटेनियो गुटेरेस ने भी मिसाइल परीक्षण की निंदा की है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रस्तावों का उल्लंघन है.
गुटेरेस ने प्योंगयांग से कहा कि वह अपना रास्ता बदले और परमाणु हथियारों से मुक्ति की राह अपनाए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुरक्षा परिषद ने सोमवार को साक्ष्य के विश्लेषण के लिए आपात बैठक बुलाई और एक बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की.
बयान में सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खिलाफ महत्वपूर्ण उपाय करने की चेतावनी दी, जिससे उसपर लगे प्रतिबंध और कड़े होंगे.
परिषद के सभी 15 सदस्यों ने विज्ञप्ति में कहा कि परिषद ने घोषणा की है कि उत्तर कोरिया द्वारा किया गया मिसाइल परीक्षण उसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का 'गंभीर उल्लंघन' है और इस तरह की गतिविधि को रोकने की अपील की.
हालांकि, कोई भी सदस्य देश संभावित ठोस कार्रवाई की बात नहीं करना नहीं चाहता, जबकि कई सदस्यों ने मौजूदी प्रतिबंधों को और कड़ा करने पर जोर दिया.
उत्तर कोरिया की मिसाइल परीक्षण का पहली बार सामना करने वाली अमेरिका की नई सरकार ने परिषद से आह्वान किया कि ये परीक्षण पूरी तरह 'अस्वीकार्य' हैं.
का सामना किया है. उन्होंने परिषद से कहा, "अमेरिका उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस तरह के किसी भी परीक्षण को अस्वीकार्य करता है."
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने एक बयान में कहा, "यह समय उत्तर कोरिया को केवल शब्दों से जवाब देने का नहीं, बल्की कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है."
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ जरूरी बैठक के लिए आग्रह करने वाले जापान ने कहा कि वह प्योंगयांग के खिलाफ कोई नया प्रतिबंध नहीं चाहता, बल्कि मौजूदा प्रतिबंधों को और कड़ा करने की जरूरत है.
चीन ने भी उत्तर कोरिया द्वारा रविवार को किए गए परीक्षण की निंदा की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटेनियो गुटेरेस ने भी मिसाइल परीक्षण की निंदा की है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रस्तावों का उल्लंघन है.
गुटेरेस ने प्योंगयांग से कहा कि वह अपना रास्ता बदले और परमाणु हथियारों से मुक्ति की राह अपनाए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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