प्रतीकात्मक तस्वीर
लंदन:
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि भारत में बेटियों के लिए अवसर की उपलब्धता के क्षेत्र में ‘नाटकीय’ सुधार हुआ है. विश्व निकाय ने भारत को अपनी युवा आबादी की स्थिति में सुधार के लिए विश्व भर में एक नजीर की तरह पेश किया.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति 2016’ शीषर्क रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कम उम्र में लड़कियों के मानवाधिकार का उल्लंघन करने और नुकसान पहुंचाने वाले चलन के कारण व्यस्क होने पर उनकी पूरी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है और इसको लेकर पूरी दुनिया में काम किये जाने की जरूरत पर बल दिया गया है.
इस रिपोर्ट में भारत को अन्य देशों के लिए उदाहरण के तौर पर पेश किया गया है, जिसके द्वारा उठाये गये कदमों का अनुसरण दुनिया भर में सुधार की दृष्टि से किया जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति 2016’ शीषर्क रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कम उम्र में लड़कियों के मानवाधिकार का उल्लंघन करने और नुकसान पहुंचाने वाले चलन के कारण व्यस्क होने पर उनकी पूरी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है और इसको लेकर पूरी दुनिया में काम किये जाने की जरूरत पर बल दिया गया है.
इस रिपोर्ट में भारत को अन्य देशों के लिए उदाहरण के तौर पर पेश किया गया है, जिसके द्वारा उठाये गये कदमों का अनुसरण दुनिया भर में सुधार की दृष्टि से किया जा सकता है.
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