रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के युद्ध (War) के बीच भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (volodymyr zelensky) से सोमवार को फोन पर बात करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. मोदी ऐसे समय में जेलेंस्की के साथ बात करेंगे, जब रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन से छात्रों समेत अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत हर संभव प्रयास कर रहा है. रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करेंगे.यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की थी.
भारत के 600-700 छात्र यूक्रेन के सुमी में फंसे हुए हैं. भारत उन्हें निकालने की कोशिश कर रहा है लेकिन रूस कह रहा है कि यूक्रेन मानवीय गलियारा बनाने में विफल रहा है. रूस की तरफ से कहा गया, "रूस ने मानवीय गलियारा स्थापित करने के लिए सभी शर्तें पूरी कीं लेकिन यूक्रेनी पक्ष ने अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया." संयुक्त राष्ट्र मानवीय गलियारों को सशस्त्र संघर्ष के अस्थायी विराम के प्रमुख रूपों में से एक मानता है.
रूस और यूक्रेन 4 मार्च को बेलारूस में दूसरे दौर की वार्ता में नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारों को व्यवस्थित करने पर सहमत हुए थे.
इससे पहले रूस की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत वासिली नेबेंजिया ने आरोप लगाया था कि वयूक्रेन के लोगों ने 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में "बलपूर्वक" रख रहे हैं. "वहां आतंकवादी नागरिकों को शहर नहीं छोड़ने दे रहे है . नेबेंजिया ने कहा उनके इस हरकत से न सिर्फ यूक्रेनियन बल्कि विदेशियों भी प्रभावित हो रहे है. उन्होनें बताया कि यूक्रेन में वहा के लोगों ने बड़ी संखेया में विदेशी नागरिकों को बलपूर्वक बंधक बना रखा है.
वहीं भारत की तरफ से इस बयान का खंडन किया गया था. भारत ने कहा था कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन की सरकर की ओर से सहयोग मिल रहा है. गौरतलब है कि भारत यूक्रेन में मानवीय सहायता के लिए दवाईयां भी भेज रहा है.
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