
यूनाइटेड किंगडम की डेनिएल पीबल्स नाम की 42 वर्षीय महिला का पोता जन्म लेने वाला था. उसने सोचा कि घर में नए मेहमान के आने के पहले क्यों न अपना स्वास्थ्य में सुधार किया जाए. इसी उम्मीद में उसने 2023 में तुर्की में वजन घटाने की सर्जरी करवाई. मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार इस सर्जरी के बाद उसे गर्दन के नीचे लकवा मार गया. खास बात है कि डेनिएल पीबल्स जून 2023 में गैस्ट्रिक स्लीव लगवाने के लिए तुर्की गईं, तो उनका वजन 177 किलोग्राम. उसने यूके के अंदर सर्जरी नहीं कराई क्योंकि उन्हें बताया गया कि NHS पर बेरिएट्रिक सर्जरी के लिए सात साल का इंतजार करना होगा. लेकिन वह सर्जरी कराने के लिए "बेताब" थी ताकि वह "अपने बच्चे के पोते को पार्क में घुमा सके". तुर्की जाने का फैसला आज उनके लिए एक श्राप सा बन गया है.
उसकी हालत तेजी से बिगड़ती गई. पिछले साल वो कोलैप्स हो गई. जब सदमे से बाहर आईं तो खुद को ग्रेटर मैनचेस्टर के सैलफोर्ड रॉयल हॉस्पिटल के बिस्तर पर पाया. डॉक्टरों की डर था कि वह स्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो सकती हैं. शुक्र की बात है कि पीबल्स का अच्छे से उपचार चला और उन्हें रिहैब में रखा गया. आखिरकार उन्होंने चलने की क्षमता हासिल कर ली.
उन्हें सैलफोर्ड रॉयल हॉस्पिटल में पांच महीने रहना पड़ा. आखिरकार वो बैसाखी के सहारे हॉस्पिटल से बाहर आईं.
ऐसा क्यों हुआ?
यहां ध्यान देने लायक बात यह है कि गैस्ट्रिक सर्जरी के रोगियों को उनके पेट के आकार और भूख के कम होने के कारण पोषण संबंधी कमी का खतरा होता है. इससे शरीर के लिए आवश्यक विटामिन की कमी हो जाती है. तंत्रिका संबंधी समस्याएं (नर्व प्रॉब्लम्स), विशेष रूप से, विटामिन बी की कमी से उत्पन्न हो सकती हैं, जो आमतौर पर ताजे फल और सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मांस और अंडों में पाया जाता है.
इस केस ने चिकित्सकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि विदेशों में कम कीमत पर मोटापे की सर्जरी कराने के बाद बड़ी संख्या में ब्रिटेन के लोगों को गंभीर जटिलताओं या यहां तक कि मृत्यु का सामना करना पड़ रहा है. प्रत्येक वर्ष लगभग 5,000 व्यक्ति मोटापे की सर्जरी के लिए विदेश यात्रा करते हैं. ब्रिटेन में सर्जरी महंगी पड़ती है और उसकी जगह लोग विदेश जाकर सर्जरी कराने का विकल्प चुनते हैं.
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