ब्रिटेन (UK) के अगला प्रधानमंत्री (Next PM) चुनने की प्रक्रिया में देश के जासूसों द्वारा साइबर हमले (Cyber Attack) का अलर्ट (Alert) जारी किए जाने के बाद देरी हुई है. इस चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और विदेशमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) में से किसी एक को चुना जाना है. ब्रिटेन के खुफिया विभाग ने चेतावनी दी थी कि हैकर सदस्यों के मतपत्रों को बदलने की कोशिश कर सकते हैं.
‘द डेली टेलीग्राफ' के मुताबिक नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (NCASC) ने कंजर्वेटिव पार्टी को सलाह दी है कि वह सदस्यों को बाद में अपने मत को बदलने का विकल्प देने पर फिर से विचार करे. एनसीएससी ब्रिटेन के गवर्नमेंट कम्युनिकेशन हेडक्वार्टर ( GCHQ) का हिस्सा है जो ब्रिटेन को सुरक्षित रखने के लिए सलाह और समर्थन देता है.
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को डाक मतपत्र ई-मेल के जरिये भेजने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू होने वाली थी, लेकिन अब इसके कुछ दिन बाद शुरू होने की उम्मीद है जबकि मतपत्रों को वापस भेजने की अंतिम तारीख 11 अगस्त (अगले हफ्ते के बृहस्पतिवार) तय की गई है.
एनसीएससी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ब्रिटिश राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्राधिकरण से जैसा कि आप उम्मीद करते हैं, हमने कंजर्वेटिव पार्टी को सलाह दी है कि वह नेतृत्व के लिए ऑनलाइन मतदान पर फिर से विचार करे.''
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन की लोकतांत्रिक और चुनाव प्रक्रिया की रक्षा करना एनसीएससी की प्राथमिकता है और हम सभी राजनीतिक पार्टियों, स्थानीय अधिकारियों और सांसदों के साथ साइबर सुरक्षा मार्गदर्शन व समर्थन प्रदान करने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं.''
कंजर्वेटिव पार्टी हैकिंग चिंताओं के मद्देनजर सदस्यों को अपने मत में बदलाव करने का विकल्प देने की योजना को छोड़ने पर मजबूर हो सकती है.
कंजर्वेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हमने इस पूरी प्रक्रिया में एनसीएससी से परामर्श लिया है और फैसला किया है कि मतदान प्रक्रिया में सुरक्षा बढ़ाई जाए. अर्हता रखने वाले सदस्यों को इस हफ्ते से मतपत्र प्राप्त होने लगेगा.''
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं