प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
लंदन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 12 नवंबर को ब्रिटेन दौरे पर जा रहे हैं। वहां के कई मानवाधिकार और मुस्लिम समूह पीएम मोदी के इस दौरे के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का यह पहला ब्रिटेन दौरा होगा।
प्रदर्शनकारी 12 नवंबर को दोपहर के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर मिलेंगे, फिर यहां से पार्लियामेंट स्क्वायर तक मार्च करेंगे और हाउस ऑफ कॉमन के बाहर इकट्ठा होंगे।
ब्रिटेन आधारित एनजीओ आवाज नेटवर्क की ओर से मोदी के खिलाफ तीन दिवसीय प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। इस प्रदर्शन में दलित सॉलीडेरिटी नेटवर्क, इंडियन मुस्लिम फैडरेशन, इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन, मुस्लिम पार्लियामेंट, ऑक्सफोर्ड साउथ एशिया फोरम, साउथ एशिया सॉलिडैरिटी ग्रुप, साउथ हॉल ब्लैक सिस्टर्स, वॉयस ऑफ दलित इंटरनेशनन तथा वीमेन अगेंस्ट फंडामेंटलिज्म भी शामिल होंगे।
प्रदर्शन की योजना में शामिल मॉनिटरिंग ग्रुप के निदेशक सुरेश ग्रोवर ने कहा, 'मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्दे गंभीर हैं और ये खत्म नहीं होने वाले हैं।' उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश सरकार सिर्फ व्यापार के नजरिए से अर्थिक नीतियों को देख रही है। 'मेक इन इंडिया' जैसी मोदी की कई नीतियों का भारतीयों पर उत्पीड़नकारी असर होने वाला है।'
उधर, 'यूरोप इंडिया फोरम' के 'यूके वेलकम्स मोदी' अभियान के तहत मोदी का 'ओलंपिक स्टाइल' वाले स्वागत के लिए तैयारियां जोर पकड़ रही है। लंदन के वेम्बले स्टेडियम में 13 नवंबर होने वाले कार्यक्रम के लिए 70,000 से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में भारत के राजदूत रंजन मथाई ने रविवार को ब्रिटेन आधारित करीब 450 सामुदायिक संगठनों के एक कार्यक्रम में कहा, 'संयुक्त मोर्चे की प्रस्तुति महत्वपूर्ण है। करीब 10 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्वागत होगा। विश्व में भारत के स्थान के लिए उनके पास स्पष्ट और जीवंत दृष्टिकोण है।'
मोदी के स्वागत समारोह को 'टू ग्रेट नेशंस, वन ग्लोरियस फ्यूचर' नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारतीय प्रवासियों को मोदी का संबोधन होगा।
प्रदर्शनकारी 12 नवंबर को दोपहर के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर मिलेंगे, फिर यहां से पार्लियामेंट स्क्वायर तक मार्च करेंगे और हाउस ऑफ कॉमन के बाहर इकट्ठा होंगे।
ब्रिटेन आधारित एनजीओ आवाज नेटवर्क की ओर से मोदी के खिलाफ तीन दिवसीय प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। इस प्रदर्शन में दलित सॉलीडेरिटी नेटवर्क, इंडियन मुस्लिम फैडरेशन, इंडियन वर्कर्स एसोसिएशन, मुस्लिम पार्लियामेंट, ऑक्सफोर्ड साउथ एशिया फोरम, साउथ एशिया सॉलिडैरिटी ग्रुप, साउथ हॉल ब्लैक सिस्टर्स, वॉयस ऑफ दलित इंटरनेशनन तथा वीमेन अगेंस्ट फंडामेंटलिज्म भी शामिल होंगे।
प्रदर्शन की योजना में शामिल मॉनिटरिंग ग्रुप के निदेशक सुरेश ग्रोवर ने कहा, 'मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्दे गंभीर हैं और ये खत्म नहीं होने वाले हैं।' उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश सरकार सिर्फ व्यापार के नजरिए से अर्थिक नीतियों को देख रही है। 'मेक इन इंडिया' जैसी मोदी की कई नीतियों का भारतीयों पर उत्पीड़नकारी असर होने वाला है।'
उधर, 'यूरोप इंडिया फोरम' के 'यूके वेलकम्स मोदी' अभियान के तहत मोदी का 'ओलंपिक स्टाइल' वाले स्वागत के लिए तैयारियां जोर पकड़ रही है। लंदन के वेम्बले स्टेडियम में 13 नवंबर होने वाले कार्यक्रम के लिए 70,000 से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में भारत के राजदूत रंजन मथाई ने रविवार को ब्रिटेन आधारित करीब 450 सामुदायिक संगठनों के एक कार्यक्रम में कहा, 'संयुक्त मोर्चे की प्रस्तुति महत्वपूर्ण है। करीब 10 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्वागत होगा। विश्व में भारत के स्थान के लिए उनके पास स्पष्ट और जीवंत दृष्टिकोण है।'
मोदी के स्वागत समारोह को 'टू ग्रेट नेशंस, वन ग्लोरियस फ्यूचर' नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारतीय प्रवासियों को मोदी का संबोधन होगा।
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