तस्वीर : Reuters
अंकारा:
तुर्की की सेना के एक गुट द्वारा टैंकों और लड़ाकू विमानों की मदद से सरकार का तख्ता पलटने की कोशिशों के बीच राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने इस्तांबुल में दावा किया है कि सत्ता पर उनका नियंत्रण बना हुआ है और विरोधियों की साज़िश को नाकाम कर दिया गया है।
सेना के नवनियुक्त प्रमुख जनरल उमित दुंदार ने बताया, 'इस मामले में वायुसेना, सैन्य पुलिस और सशस्त्र बलों के अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं। तख्तापलट के इस प्रयास के सेना के किसी भी उच्चपदस्थ अधिकारी का समर्थन हासिल नहीं था और देश के मुख्य विपक्षी दलों ने भी सरकार को उखाड़ फेंकने की इस कोशिश की भर्त्सना की।
रातभर चली हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1440 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि 2839 साजिशकर्तओं को हिरासत में लिया जा चुका है।
गौरतलब है कि देर रात तुर्की में सैनिक और टैंक सड़कों पर उतर आए तथा आठ करोड़ की आबादी वाले देश के दो सबसे बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सारी रात धमाके होते रहे। तुर्की नाटो का सदस्य है। देश के कार्यकारी सेन्य प्रमुख ने भी तख्तापलट करने वालों के प्रयासों को नाकाम करने की बात कही है।
राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने तख्तापलट के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, वही इन चार्ज है। जिस सरकार को लोगों सत्ता में लेकर आए, वही इन चार्ज है। जब तक हम अपना सब कुछ दाव पर लगाकर उनके खिलाफ खड़े हैं, तब तक वह कामयाब नहीं हो सकते।'
1500 लोग हिरासत में
तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के दावे के बीच अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 190 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 104 वह हैं जिनका साज़िश में हाथ था। इसके अलावा 1,154 घायल हुए हैं। 1500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्रधानमंत्री बिन अली यिलदरिम ने कहा कि जो भी इसके पीछे है उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। पीएम ने यह भी कहा कि तुर्की में तख्तापलट के प्रयास के बाद नया कार्यवाहक सैन्य प्रमुख नियुक्त किया गया है। वहीं कई घंटों की अफरातफरी के बाद राष्ट्रपति ने इस बारे में अनश्चितता खत्म की कि वह कहां हैं। वह सुबह के समय विमान से इस्तांबुल हवाईअड्डे पहुंचे और सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
Live अपडेट - तुर्की में तख्तापलट की कोशिश
इससे पहले प्रधानमंत्री बिनअली यिलदरिम ने एनटीवी टेलीवीजन को बताया, 'हां यह सही है कि यहां (तख्तापलट की) ऐसी कोशिश की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार अब भी सत्ता में है। यह सरकार तभी हटेगी, जब लोग उसे कहेंगे।
राष्ट्रपति ने समर्थकों से सड़कों पर उतरने को कहा
एर्दोग़ान ने वीडियो संदेश में कहा, "मैं देश की जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहा हूं। आओ, इन्हें सबक सीखाएं। मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी। इतिहास में तख्तापलट की कोई भी साजिश सफल नहीं हुई।"
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवाक्ता विकास स्वरूप ने तुर्की में रह रहे भारतीय नागरिकों को हालात स्पष्ट होने तक सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने और घरों में ही रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक ज्यादा जानकारी के लिए अंकारा में +905303142203 और इस्तांबुल में +905305671095 पर संपर्क कर सकते हैं।
तख्तापलट का समर्थन कर रहे दर्जनों सैनिकों ने इस्तांबुल में बोसफोरस पुल पर आत्मसमर्पण कर दिया। यह पुल सारी रात इन सैनिकों के कब्जे में रहा। टेलीविजन पर दिखाया गया कि समर्पण करने वाले इन सैनिकों ने अपने हाथ सिर के ऊपर उठा रखे थे क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
रजब तैयब एर्दोग़ान ने तख्तापलट के प्रयास की निन्दा की और इसे ‘‘विश्वासघात’’ बताया। उन्होंने कहा कि वह अपने काम कर रहे हैं और ‘‘अंत तक’’ काम करना जारी रखेंगे।
सेना के नवनियुक्त प्रमुख जनरल उमित दुंदार ने बताया, 'इस मामले में वायुसेना, सैन्य पुलिस और सशस्त्र बलों के अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं। तख्तापलट के इस प्रयास के सेना के किसी भी उच्चपदस्थ अधिकारी का समर्थन हासिल नहीं था और देश के मुख्य विपक्षी दलों ने भी सरकार को उखाड़ फेंकने की इस कोशिश की भर्त्सना की।
रातभर चली हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1440 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि 2839 साजिशकर्तओं को हिरासत में लिया जा चुका है।
गौरतलब है कि देर रात तुर्की में सैनिक और टैंक सड़कों पर उतर आए तथा आठ करोड़ की आबादी वाले देश के दो सबसे बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सारी रात धमाके होते रहे। तुर्की नाटो का सदस्य है। देश के कार्यकारी सेन्य प्रमुख ने भी तख्तापलट करने वालों के प्रयासों को नाकाम करने की बात कही है।
राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने तख्तापलट के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, वही इन चार्ज है। जिस सरकार को लोगों सत्ता में लेकर आए, वही इन चार्ज है। जब तक हम अपना सब कुछ दाव पर लगाकर उनके खिलाफ खड़े हैं, तब तक वह कामयाब नहीं हो सकते।'
1500 लोग हिरासत में
तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के दावे के बीच अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 190 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 104 वह हैं जिनका साज़िश में हाथ था। इसके अलावा 1,154 घायल हुए हैं। 1500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्रधानमंत्री बिन अली यिलदरिम ने कहा कि जो भी इसके पीछे है उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। पीएम ने यह भी कहा कि तुर्की में तख्तापलट के प्रयास के बाद नया कार्यवाहक सैन्य प्रमुख नियुक्त किया गया है। वहीं कई घंटों की अफरातफरी के बाद राष्ट्रपति ने इस बारे में अनश्चितता खत्म की कि वह कहां हैं। वह सुबह के समय विमान से इस्तांबुल हवाईअड्डे पहुंचे और सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
Live अपडेट - तुर्की में तख्तापलट की कोशिश
इससे पहले प्रधानमंत्री बिनअली यिलदरिम ने एनटीवी टेलीवीजन को बताया, 'हां यह सही है कि यहां (तख्तापलट की) ऐसी कोशिश की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार अब भी सत्ता में है। यह सरकार तभी हटेगी, जब लोग उसे कहेंगे।
राष्ट्रपति ने समर्थकों से सड़कों पर उतरने को कहा
एर्दोग़ान ने वीडियो संदेश में कहा, "मैं देश की जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहा हूं। आओ, इन्हें सबक सीखाएं। मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी। इतिहास में तख्तापलट की कोई भी साजिश सफल नहीं हुई।"
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवाक्ता विकास स्वरूप ने तुर्की में रह रहे भारतीय नागरिकों को हालात स्पष्ट होने तक सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने और घरों में ही रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक ज्यादा जानकारी के लिए अंकारा में +905303142203 और इस्तांबुल में +905305671095 पर संपर्क कर सकते हैं।
तख्तापलट का समर्थन कर रहे दर्जनों सैनिकों ने इस्तांबुल में बोसफोरस पुल पर आत्मसमर्पण कर दिया। यह पुल सारी रात इन सैनिकों के कब्जे में रहा। टेलीविजन पर दिखाया गया कि समर्पण करने वाले इन सैनिकों ने अपने हाथ सिर के ऊपर उठा रखे थे क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
रजब तैयब एर्दोग़ान ने तख्तापलट के प्रयास की निन्दा की और इसे ‘‘विश्वासघात’’ बताया। उन्होंने कहा कि वह अपने काम कर रहे हैं और ‘‘अंत तक’’ काम करना जारी रखेंगे।
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