तुर्की (Türkiye) में चुनाव होने के बाद नतीजे आने शुरू हो गए हैं, लेकिन राष्ट्रपति रेसेप (President Recep) तैयप एर्दोगन के लिए इस बार की राह काफी मुश्किल नजर आ रही है. दो दशकों से तुर्की पर शासन करने वाले एर्दोगन का वोट शेयर 50 फीसदी से नीचे गिर गया है. यदि पहले दौर के मतदान में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी से कम वोट मिलते हैं, तो 28 मई को एक रनऑफ आयोजित किया जाएगा.
प्रारंभिक परिणामों के मुताबिक राष्ट्रपति एर्दोगन 49.94 फीसदी वोटों के साथ पहले नंबर हैं, जबकि किलिकडारोग्लू 44.1 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. खबर है कि इस्तांबुल में एर्दोगन को मामूली बढ़त मिली है. वहीं इस्तांबुल जिले के उस्कुदर में अपने आवास से निकलने के बाद एर्दोगन समर्थकों का अभिवादन किया. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किलिकडारोग्लू को उनके गृहनगर टुनसेली में सबसे ज्यादा वोट मिले. इस्तांबुल में गिनती के लिए केवल 15 प्रतिशत वोट बचे हैं, यहां किलिकडारोग्लू मामूली अंतर से आगे चल रही हैं.
चुनाव अधिकारी ने बताया 71.64% वोट सिस्टम में हैं
तुर्किए चुनाव बोर्ड के प्रमुख अहमत येनर ने कहा है कि देश के भीतर लोगों के 71.64 प्रतिशत वोट और विदेश से 18.76 प्रतिशत वोट उसके सिस्टम में दर्ज किए गए. उन्होंने कहा कि सिस्टम में कुल 69.12 प्रतिशत वोट दर्ज किए गए हैं.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने अनादोलु के आंकड़ों को खारिज करते हुए कहा कि वे भ्रामक हैं और रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के अध्यक्ष किलिकडारोग्लू ने जोर देकर कहा है कि वह चुनावों में आगे हैं. विपक्ष के उम्मीदवार केमल किलिकडारोग्लू ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट (एके) पार्टी पर अंकारा और इस्तांबुल सहित विपक्षी गढ़ों में पुनर्गणना की मांग करने और परिणामों में देरी करने का आरोप लगाया.
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