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This Article is From Jul 15, 2020

विदेशी छात्रों को वापस भेजने का आदेश वापस लेने पर मजबूर हुआ ट्रंप प्रशासन, हॉवर्ड और MIT ने किया था केस

अमेरिका की ट्रंप सरकार को विदेशी छात्रों के वीज़ा पर लिए गए अपने विवादित फैसले को वापस लेना पड़ा है. कोरोनावायरस के चलते जब ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, ऐसे में ट्रंप सरकार ने सभी विदेशी छात्रों को उनके देश वापस भेजने का फैसला किया था, जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था.

विदेशी छात्रों को वापस भेजने का आदेश वापस लेने पर मजबूर हुआ ट्रंप प्रशासन, हॉवर्ड और MIT ने किया था केस
वीज़ा पर पढ़ रहे विदेशी छात्रों को वापस भेजने का फैसला ट्रंप ने लिया वापस. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
न्यूयॉर्क:

अमेरिका की ट्रंप सरकार को विदेशी छात्रों के वीज़ा पर लिए गए अपने विवादित फैसले को वापस लेना पड़ा है. कोरोनावायरस के चलते जब ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, ऐसे में ट्रंप सरकार ने सभी विदेशी छात्रों को उनके देश वापस भेजने का फैसला किया था, जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था. पूरे देश भर में ट्रंप के इस फैसले पर गुस्सा देखा गया था, जिसके बाद ट्रंप सरकार पर अपना यह फैसला पलटने पर मजबूर हो गई है.

मंगलवार को एक फेडरल जज ने बताया कि ट्रंप सरकार ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया है. जज एलिसन बरो ने सुनवाई में बताया कि 'सरकार ने आदेश को लागू करने पर रोक लगाने के साथ-साथ इसे रद्द करने पर भी सहमति जता दी है'. 

US Immigration and Customs Enforcement (ICE) ने बीते 6 जुलाई को अपना यह आदेश दिया था, जिसके बाद Harvard और MIT ने कुछ और संस्थानों को साथ मिलकर आईसीई के खिलाफ केस दर्ज कराया था. मैसाच्युसेट्स के फेडरल कोर्ट में दर्ज कराए गए इस मुकदमे के समर्थन में 17 राज्य और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के साथ ही गूगल, फेसबुक और माक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी अमेरिकी आईटी कंपनियां भी आ गई. इसमें आईसीई के उस फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया था, जिसमें कहा गया था कि ऑनलाइन क्लास कर रहे विदेशी छात्रों को अमेरिका से वापस जाना होगा या फिर उन्हें किसी ऐसे संस्थान में ट्रांसफर लेना होगा, जो उन्हें निजी ट्यूशन दे सकें. फैसले के खिलाफ कोर्ट गए संस्थानों का कहना है कि इस आदेश से छात्रों को बड़ा निजी और वित्तीय नुकसान होगा.

ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को शिक्षा संस्थानों पर बड़े दबाव के तौर पर देखा जा रहा था क्योंकि वो कोविड-19 महामारी के चलते ऑनलाइन माध्यमों को तरजीह दे रहे हैं और अपने तौर-तरीकों में बदलाव ला रहे हैं. Institute of International Education (IIE) के मुताबिक, 2018-19 के शैक्षणिक सत्र में तकरीबन 10 लाख विदेशी छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं. इस फैसले का उनपर काफी बड़ा असर होता. यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए राहत लेकर आई है, जिनमें भारत के छात्र भी शामिल हैं. Stundent and Exchange Visiter Programme के अनुसार जनवरी में अमेरिका के कई शैक्षणिक संस्थानों में 1,94,556 भारतीय छात्र रजिस्टर्ड थे.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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