टोक्यो:
जापान में गत 11 मार्च के विनाशकारी भूकम्प और सुनामी में क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को इस साल के आखिर तक दुरुस्त किया जा सकेगा। संयंत्र की संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कार्पोरेशन-टेप्को ने रविवार को इस योजना की जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के जापान दौरे के समय दी। जापान में पिछले महीने के कुदरती कहर की वजह से अब तक 14000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और इतने ही लोग लापता हैं। वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के अनुसार टेप्को ने रेडियोधर्मी विकिरण पर तीन महीनों के भीतर काबू पाने और रिएक्टरों को नौ महीनों के भीतर ठंडा करने का लक्ष्य रखा है। कम्पनी कहा है कि उसकी योजना रिएक्टर इमारत को ढकने की भी है। टेप्को के अध्यक्ष त्सुनेहिशा कात्सुमाता ने कहा कि बिजली घर को बंद करने में नौ महीने का वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से परमाणु संयंत्र के आसपास के इलाकों से हटाए गए लोगों को वापस अपने घरों को लौटने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कम्पनी संकट को विकराल रूप धारण करने से रोकने के लिए हरसम्भव कदम उठा रही है। टेप्को के अनुसार कम्पनी रिएक्टर इमारतों को ढकने, दूषित मिट्टी को साफ करने और परमाणु ईंधन हटाने पर जोर देगी। जापान सरकार ने टेप्को से इस संकट के समाधान की समयसारिणी उपलब्ध कराने को कहा था। टेप्को ने कहा है कि विकिरण और तापमान का स्तर जानने के लिए अब वह रिमोट कंट्रोल से संचालित रोबोट को एक रिएक्टर में उतारेगी। रोबोट मलबा हटाने, इमारत ढहाने और विकिरण परीक्षण जैसे कार्य कर सकते हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक उन्हें परमाणु संयंत्रों पर किसी काम में नहीं लाया गया है। 11 मार्च की तबाही के बाद संयंत्र के कर्मचारी रिएक्टरों की इमारतों में दाखिल नहीं हो सके हैं। इस बीच हिलेरी क्लिंटन ने जापान में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जापान दूसरे विश्व युद्ध के बाद इस सबसे भीषण संकट से मजबूती से उबरेगा। क्लिंटन ने जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान से मुलाकात की और जापान के सम्राट आकीहीतो के साथ राजभवन में चाय पी। आमतौर यह सम्मान सिर्फ राष्ट्राध्यक्षों को ही मिलता है।
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जापान, त्रासदी, संकट