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Axiom-4: भारत को इतिहास रचने का इंतजार, अब तक कितनी बार और क्यों टला ये मिशन?

40 वर्षों में पहला मौका है, जब कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में लगभग आठ दिन बिताए थे. Axiom-4 मिशन में कैप्टन शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय होंगे जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में कदम रखेंगे. अंतरिक्ष जाने वाले वह भारत की गगनयान टीम के पहले सदस्य होंगे.

Axiom-4: भारत को इतिहास रचने का इंतजार, अब तक कितनी बार और क्यों टला ये मिशन?
  • इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाएंगे.
  • यह भारत के लिए 40 वर्षों में पहला सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन है.
  • एक्सिओम-4 मिशन में चार सदस्य 14 दिनों तक ISS में वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.
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नई दिल्ली:

अगर सबकुछ ठीक रहा तो 25 जून 2025 का दिन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में सुनहरे पन्नों में दर्ज हो सकता है. नासा ने घोषणा की है कि कई बार टलने के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का प्राइवेट एक्सिओम-4 मिशन बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे रवाना हो सकता है. इस मिशन की सफलता न सिर्फ भारत बल्कि हंगरी और पोलैंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. लेकिन यह जानना दिलचस्प होगा कि 29 मई के बाद से यह मिशन अब तक कितनी बार टल चुका है और इसकी वजह क्या रही.

एक्सिओम-4 मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे. शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर खाद्य और पोषण संबंधी विशेष प्रयोग करेंगे जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों और अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत के लिए बेहद अहम होंगे. 

40 वर्षों में पहला मौका है, जब कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में लगभग आठ दिन बिताए थे. शुक्ला पहले भारतीय होंगे जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में कदम रखेंगे. वह भारत की गगनयान टीम के पहले सदस्य होंगे जो अंतरिक्ष में जाएंगे.

कब-कब और क्यों टला मिशन एक्सिओम-4?

  • 29 मई: यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन क्रू ड्रैगन मॉड्यूल के इलेक्ट्रिकल हार्नेस में खराबी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा.
  • 8 जून: फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार नहीं था जिसके कारण लॉन्चिंग अगले दिन के लिए टाल दी गई. 
  • 9 जून: खराब मौसम को वजह बताते हु लॉन्च को एक दिन के लिए और स्थगित कर दिया गया. 
  • 10 जून: इंजन में ऑक्सीजन रिसाव और मशीनी समस्या का पता चला. नासा को एक बार फिर से लॉन्च को टालना पड़ा. 
  • 11 जून: जांच में ग्राउंड रीडिंग्स अनुकूल मिलीं, लेकिन ISS Zvezda मॉड्यूल के पिछले हिस्से में संभावित रिसाव की जांच के चलते लॉन्च को फिर स्थगित करना पड़ा.
  • 19 जून: नासा ने इसरो, पोलैंड, हंगरी की टीमों और एक्सिऑम स्पेस और स्पेसएक्स से चर्चा की, लेकिन मौसम और क्रू मेंबर्स की सेहत जैसी वजहों से लॉन्च की नई डेट 22 जून तय की. 
  • 20 जून: लॉन्च से दो दिन पहले, नासा ने मिशन टालते हुए कहा कि ISS Zvezda सर्विस मॉड्यूल के पिछले हिस्से में मरम्मत के बाद मूल्यांकन के लिए अतिरिक्त समय चाहिए.

स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान अब भी फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39A पर लॉन्च होने के इंतजार में हैं. मिशन के चालक दल में कमांडर पेगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला और मिशन एक्सपर्ट स्लावोश उज़्नांस्की विस्निव्स्की और टिबोर कामु शामिल हैं. ये अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़े रहकर 14 दिनों तक विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.

यह मिशन भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए 40 वर्षों में पहला सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है. तीनों ही देशों के इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष मिशन होगा. 

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