ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री टेरेसा मे बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ के साथ (फोटो : एएफपी)
लंदन:
टेरेसा मे ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला, जिससे वह मार्गरेट थैचर के बाद प्रधानमंत्री बनने वाली दूसरी महिला हो गई हैं। टेरेसा ने ब्रेग्जिट के बाद दुनिया में ब्रिटेन के लिए 'साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका' निभाने का संकल्प लिया है।
बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात के बाद थेरेसा (59) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का प्रभार लिया। वह अपने पति फिलिप मे के साथ मीडिया को संबोधित करने डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचीं, जहां से उनके पूर्ववर्ती डेविड कैमरन सिर्फ एक घंटे पहले विदा हुए थे।
प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'डेविड कैमरन को मैं एक महान, आधुनिक प्रधानमंत्री मानती हूं... उन्होंने एक राष्ट्र की सरकार का नेतृत्व किया और उसी भावना से मैं नेतृत्व करने की योजना बना रही हूं।' उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन के जनमत संग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे समक्ष बड़े राष्ट्रीय बदलाव की चुनौती है... हम चुनौती का सामना करेंगे और साथ मिलकर बेहतर ब्रिटेन का निर्माण करेंगे।'
उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।'
बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं।
'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके।
थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।
टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात के बाद थेरेसा (59) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का प्रभार लिया। वह अपने पति फिलिप मे के साथ मीडिया को संबोधित करने डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचीं, जहां से उनके पूर्ववर्ती डेविड कैमरन सिर्फ एक घंटे पहले विदा हुए थे।
प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'डेविड कैमरन को मैं एक महान, आधुनिक प्रधानमंत्री मानती हूं... उन्होंने एक राष्ट्र की सरकार का नेतृत्व किया और उसी भावना से मैं नेतृत्व करने की योजना बना रही हूं।' उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन के जनमत संग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे समक्ष बड़े राष्ट्रीय बदलाव की चुनौती है... हम चुनौती का सामना करेंगे और साथ मिलकर बेहतर ब्रिटेन का निर्माण करेंगे।'
उन्होंने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के बीच एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वह ईयू से निकलने की चुनौती से निपटेंगी और 'दुनिया में ब्रिटेन के लिए साहसिक एवं नई सकारात्मक भूमिका तैयार करेंगी।'
बेहद खरी बातें करने वाली इस नेता ने ऐसे वक्त में पद संभाला है, जब ब्रेग्जिट वोट के कारण प्रधानमंत्री पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर थीं। वह 1979 से 1990 तक इस पद पर रहीं।
'ब्रेग्जिट का अर्थ ब्रेग्जिट है' यह वादा करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी की 59-वर्षीय नेता के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम एक ऐसी टीम का गठन करना है, जो यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों पर बातचीत करने की चुनौती से निपट सके।
थैचर के बाद देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली टेरेसा से आशा की जा रही है कि वह राजनीति में महिलाओं के हक की बात करेंगी और कैबिनेट में टोरी महिला सांसदों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री पद संभालने के अलावा टेरेसा अन्य कई भूमिकाओं में भी स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।
टेरेसा 1997 से ही बतौर सांसद ब्रिटिश संसद में मौजूद हैं। डेविड कैमरन के मंत्रिमंडल में वह गृहमंत्री रहीं। टेरेसा पिछले 50 सालों में सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री के पद पर रहने वाली सांसद हैं।
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