अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन के अनुचित रुख के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है और हर मोर्चे पर चीन को पीछे धकेलने के लिये भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहे हैं. अमेरिका वीजा पाबंदियों, प्रतिबंधों और अन्य माध्यमों से चीन दबाव बढ़ा रहा है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पहले से तल्ख रिश्तों में और कड़वाहट आई है.
‘फॉक्स न्यूज' को मंगलवार को दिये एक साक्षात्कार में पोम्पिओ ने कहा, “मुझे लगता है कि आप देख रहे हैं कि इस मूल समझ को लेकर पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी निष्पक्ष, परस्पर और पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने से इनकार करने जा रही है.”
भारत द्वारा कथित तौर पर दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे जाने से जुड़े मेजबान लोउ डॉब्स के एक सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “इसलिये, चाहे वह भारत में हमारे दोस्त हों, ऑस्ट्रेलिया में हमारे दोस्त हों, जापान या दक्षिण कोरिया में हमारे दोस्त हों, वो सभी अपने लोगों, अपने देश को होने वाले खतरे देख रहे हैं और आप उन्हें (चीन को) पीछे धकेलने के लिये अमेरिका के साथ साझेदारी करते हुए देखेंगे, हर उस मोर्चे पर जिसके बारे में हमनें आज शाम बात की.”
डॉब्स ने कहा कि भारत का यह कदम सीमा पर चीन के साथ झड़प के खिलाफ जवाब था और दक्षिण चीन सागर में मौजूद अमेरिकी नौसेना के साथ नजदीकी था. डॉब्स चीन के खतरे का मुकाबला करने के लिये भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों का महत्व जानना चाहते थे.
पोम्पिओ ने कहा, “यह अहम है कि इस जंग में हमारे पास दोस्त और सहयोगी हैं. हमने इसके लिये दो साल से काम किया है. हमनें वास्तविक प्रगति की है. आपने हुआवेई से बहुत से लोगों को पलटते देखा होगा. आपने उन्हें खतरे को महसूस करते देखा होगा….”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं