ब्रिटेन (Britain) के अलग-अलग शहरों में दंगे (Riots) जारी हैं. दंगाइयों ने पुलिस को भी निशाना बनाया है और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. इन दंगों को ब्रिटेन में 13 साल में सबसे बड़ा दंगा बताया जा रहा है. इसमें धुर दक्षिणपंथी दंगाइयों के खिलाफ भी प्रदर्शन हुए हैं. दोनों गुटों के बीच जमकर झड़पें भी हुई हैं जिसमें कई घायल हुए हैं. सबसे खराब स्थिति लिवरपूल जैसे शहर की है जहां दो पुलिस अधिकारी भी जख्मी हुए हैं.
दंगों की शुरुआत सोमवार को चाकूबाजी की एक वारदात के बाद हुई. साउथपोर्ट में बच्चों की एक डांस क्लास के दौरान एक हमलावर ने चाकू से हमला किया. इसमें तीन बच्चियों की मौत हो गई. इसके बाद सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि हमलावार एक खास धर्म का इमीग्रेंट है. इस अफवाह के फैलते ही धुर दक्षिणपंथी तत्वों ने अलग-अलग शहरों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया.
पुलिस के मुताबिक धुर दक्षिणपंथी दंगाइयों ने लिवरपूल, ब्रिस्टॉल, मैनचेस्टर, लीड्स, बेलफास्ट और नॉटिंघम जैसे शहरों में इमिग्रेंट्स परिवारों को घर छोड़कर भागने को मजबूर किया. बेलफास्ट में एंटी इस्लामिक ग्रुप और एंटी रेसिज़्म ग्रुप की रैली के दौरान भी झड़प हुई.
अब तक 90 दंगाई हिरासत में लिए गए
पुलिस ने अब तक 90 दंगाइयों को हिरासत में लिया है. प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पुलिस को सख्त बरतने का आदेश दिया है. उन्होंने शहरों को सुरक्षित बनाने को कहा है. होम सेक्रेट्री येवेट्ट कूपर ने कहा है कि दंगाइयों को कीमत चुकानी पड़ेगी.
सरकार और पुलिस की सख्ती के बावजूद आने वाले दिनों में दंगे और भड़कने की आशंका जताई गई है. इमीग्रेशन ब्रिटेन में एक बड़ा मुद्दा रहा है. धुर दक्षिणपंथी मुस्लिम देशों से इमीग्रेशन के सख्त खिलाफ रहे हैं. साउथ पोर्ट की घटना के बाद अफवाह फैलाई गई और इसके बाद उनको एक बहाना मिल गया.
यह भी पढ़ें -
ब्रिटेन: चाकूबाजी वाली जगह पर अनियंत्रित भीड़ ने मस्जिद पर फेंके पत्थर, 40 पुलिस अधिकारी घायल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं