
- थाईलैंड-कंबोडिया की सीमाओं पर भारी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई.
- थाईलैंड के करीब 58 हजार और कंबोडिया के करीब 23 हजार लोगों को अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है.
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत से समाधान निकालने की अपील की है
रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास की बीच जारी युद्ध सहित दुनिया में कई जगहों पर विभिन्न देशों और संगठनों के बीच संघर्ष जारी है. अब इसमें थाईलैंड और कंबोडिया का भी नाम जुड़ गया है. दोनों देशों की सीमाओं के बीच हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं. रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की. थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 58,000 से अधिक लोग चार प्रभावित सीमावर्ती प्रांतों के गांवों से अस्थायी आश्रयों में चले गए हैं, जबकि कंबोडिया के अधिकारियों ने कहा कि 23,000 से अधिक लोग सीमा के निकट के क्षेत्रों से पलायन कर गए हैं.
थाईलैंड की सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की. नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं.

दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद में नवीनतम घटना में थाईलैंड में कम से कम 19 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं. वहीं कंबोडिया ने शुक्रवार को इस विवाद में पहली मौत की पुष्टि की है.
कंबोडिया में 2900 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं.
उन्होंने कहा, "सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है."
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया.

संयुक्त राष्ट्र की संयम बरतने और समाधान निकालने की अपील
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से "अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने" की अपील की है.
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ.
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है. थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है.
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है. प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था. अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं. फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है.
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