काबुल:
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल रविवार को हुए सुनियोजित आतंकवादी हमलों से थर्रा उठी। आत्मघाती हमलावरों ने संसद भवन, विदेशी दूतावासों को निशाना बनाते हुए विस्फोट किए और गोलीबारी की।
हमलावरों ने कई इमारतों पर कब्जा किया और संसद में भी घुसने की कोशिश की। पिछले छह महीने में हुए सवार्धिक भीषण हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
वेबसाइट 'अलजजीरा' के मुताबिक आतंकवादियों ने राजधानी के बाहर लोगार प्रांत में सरकारी इमारतों, जलालाबाद में हवाईअड्डे और पकतिया प्रांत के गारदेज में एक पुलिस केंद्र को निशाना बनाया।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह हमला उनके वार्षिक वसंत हमले की शुरुआत है। प्रवक्ता के मुताबिक इन हमलों में कई आत्मघाती हमलावर शामिल थे।
इन हमलों में खासतौर से जर्मनी एवं ब्रिटेन के दूतावासों और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाले बलों के मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
वेबसाइट 'बीबीसी' के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि हमलों में कम से कम 14 आतंकवादी मारे गए जबकि 23 लोग घायल हुए। घायलों में 14 अफगानी पुलिस अधिकारी और नौ नागरिक शामिल हैं।
इसके पहले काबुल में भीषण हमला सितम्बर 2011 में हुआ था। सितम्बर में भारी हथियारों से सुसज्जित आतंकवादियों ने एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत पर कब्जा कर लिया था और वहां से अमेरिकी दूतावास एवं नाटो मुख्यालय पर गोलीबारी की थी। इस हमले में कम से कम 14 अफगानी नागरिक मारे गए थे।
वेबसाइट के मुताबिक ब्रिटेन के दूतावास पर रॉकेट और ग्रेनेड से हमले हुए लेकिन हमले में दूतावास का कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ।
राजधानी काबुल में सात से 10 विस्फोटों की आवाज सुनी गई। हमलावरों ने पश्चिमी देशों के दूतावासों, राजनयिक इलाके एवं संसद
को निशाना बनाया। हमलावरों ने शहर के पूर्वी भाग में अंतरराष्ट्रीय बलों पर भी हमले किए।
तालिबान के साथ-साथ कई अन्य गिरोहों ने भी मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे 10 आत्मघाती हमलावरों ने काबुल में और लोगार, पकतिया तथा नांगरहर प्रांतों में हमले किए।"
इस बीच, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह काबुल स्थित भारतीय दूतावास के लगातार सम्पर्क में है और वहां सभी भारतीय सुरक्षित हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया, "हम काबुल में अपने दूतावास के लगातार सम्पर्क में हैं। बताया गया है कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं।"
रूसी दूतावास पर रॉकेट से हमले किए गए। जर्मनी के दूतावास से भी धुआं उठता देखा गया। पास में ही स्थित अमेरिकी दूतावास पर भी हमले किए गए। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता गेविन संडवाल ने कहा कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। ब्रिटिश दूतावास के अधिकारी जिन आवासों में रहते हैं, उन्हें भी निशाना बनाया गया।
हमलावरों ने काबुल स्टार होटल को भी निशाना बनाया। यहां एक आतंकवादी मारा गया। शहर के बाहरी इलाके में नाटो के बेस कैम्प वेयरहाउस पर भी हमले किए गए।
वहीं, अफगान खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि उन्हें हमलों के बारे में प्रारम्भिक जानकारी थी। इसके चलते आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।
अंतरराष्ट्रीय बल के मुताबिक अफगान सुरक्षाकर्मियों ने दो आत्मघाती हमलावरों को जिंदा पकड़ा है।
हमलावरों ने कई इमारतों पर कब्जा किया और संसद में भी घुसने की कोशिश की। पिछले छह महीने में हुए सवार्धिक भीषण हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
वेबसाइट 'अलजजीरा' के मुताबिक आतंकवादियों ने राजधानी के बाहर लोगार प्रांत में सरकारी इमारतों, जलालाबाद में हवाईअड्डे और पकतिया प्रांत के गारदेज में एक पुलिस केंद्र को निशाना बनाया।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह हमला उनके वार्षिक वसंत हमले की शुरुआत है। प्रवक्ता के मुताबिक इन हमलों में कई आत्मघाती हमलावर शामिल थे।
इन हमलों में खासतौर से जर्मनी एवं ब्रिटेन के दूतावासों और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाले बलों के मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
वेबसाइट 'बीबीसी' के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि हमलों में कम से कम 14 आतंकवादी मारे गए जबकि 23 लोग घायल हुए। घायलों में 14 अफगानी पुलिस अधिकारी और नौ नागरिक शामिल हैं।
इसके पहले काबुल में भीषण हमला सितम्बर 2011 में हुआ था। सितम्बर में भारी हथियारों से सुसज्जित आतंकवादियों ने एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत पर कब्जा कर लिया था और वहां से अमेरिकी दूतावास एवं नाटो मुख्यालय पर गोलीबारी की थी। इस हमले में कम से कम 14 अफगानी नागरिक मारे गए थे।
वेबसाइट के मुताबिक ब्रिटेन के दूतावास पर रॉकेट और ग्रेनेड से हमले हुए लेकिन हमले में दूतावास का कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ।
राजधानी काबुल में सात से 10 विस्फोटों की आवाज सुनी गई। हमलावरों ने पश्चिमी देशों के दूतावासों, राजनयिक इलाके एवं संसद
को निशाना बनाया। हमलावरों ने शहर के पूर्वी भाग में अंतरराष्ट्रीय बलों पर भी हमले किए।
तालिबान के साथ-साथ कई अन्य गिरोहों ने भी मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे 10 आत्मघाती हमलावरों ने काबुल में और लोगार, पकतिया तथा नांगरहर प्रांतों में हमले किए।"
इस बीच, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह काबुल स्थित भारतीय दूतावास के लगातार सम्पर्क में है और वहां सभी भारतीय सुरक्षित हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया, "हम काबुल में अपने दूतावास के लगातार सम्पर्क में हैं। बताया गया है कि सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं।"
रूसी दूतावास पर रॉकेट से हमले किए गए। जर्मनी के दूतावास से भी धुआं उठता देखा गया। पास में ही स्थित अमेरिकी दूतावास पर भी हमले किए गए। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता गेविन संडवाल ने कहा कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। ब्रिटिश दूतावास के अधिकारी जिन आवासों में रहते हैं, उन्हें भी निशाना बनाया गया।
हमलावरों ने काबुल स्टार होटल को भी निशाना बनाया। यहां एक आतंकवादी मारा गया। शहर के बाहरी इलाके में नाटो के बेस कैम्प वेयरहाउस पर भी हमले किए गए।
वहीं, अफगान खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि उन्हें हमलों के बारे में प्रारम्भिक जानकारी थी। इसके चलते आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।
अंतरराष्ट्रीय बल के मुताबिक अफगान सुरक्षाकर्मियों ने दो आत्मघाती हमलावरों को जिंदा पकड़ा है।
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