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This Article is From Aug 01, 2016

काबुल : विदेशी गेस्ट हाउस पर तालिबान ने ट्रक बम से किया हमला

काबुल : विदेशी गेस्ट हाउस पर तालिबान ने ट्रक बम से किया हमला
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई दी
यहां विदेशी कॉन्ट्रैक्टर रहते हैं
गेस्ट हाउस से तत्काल संपर्क नहीं हो पाया है
काबुल: तालिबान ने काबुल में विदेशियों के लिए बने गेस्टहाउस पर आज सुबह विस्फोटकों से भरे ट्रक से हमला किया गया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी है. इस हमले से कुछ ही दिन पहले अफगान राजधानी में बीते 15 साल का सबसे घातक हमला हुआ था.

हालिया ट्रक हमले में हुए विस्फोट में किसी के हताहत होने की कोई तत्काल खबर नहीं है. विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई दी. सुरक्षा से जुड़े एक सूत्र ने विस्तृत जानकारी दिए बिना एएफपी को बताया, ‘‘विस्फोटकों से भरे एक ट्रक ने नॉर्थगेट गेस्टहाउस के प्रवेश द्वार पर हमला किया.’’ नॉर्थगेट उत्तर काबुल में अमेरिका द्वारा संचालित बगराम एयरबेस के पास स्थित है और यहां विदेशी कॉन्ट्रैक्टर रहते हैं. इस परिसर की सुरक्षा के लिए यहां विस्फोट रोधी दीवारें और निगरानी वाले टावर लगे हैं. सुरक्षा अधिकारियों से घिरे गेस्ट हाउस में टेलीफोन के जरिए तत्काल संपर्क नहीं हो पाया.

तालिबान ने कहा कि ‘अमेरिकी घुसपैठियों’ के गेस्ट हाउस पर ट्रक बम हमले के जरिए उसके लड़ाकों को रॉकेट चालित ग्रेनेड और छोटे हथियार लेकर इस प्रतिष्ठान में घुसने का मौका मिल गया. उग्रवादियों ने दावा किया कि हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं. तालिबान को युद्धक्षेत्र से जुड़े दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए जाना जाता है. रमजान के दौरान थोड़ी शांति के बाद तालिबान ने अपने हमले तेज कर दिए हैं. यह हमला उसी की एक कड़ी है.

इससे पहले 23 जुलाई को अफगान राजधानी में दो बम विस्फोट हुए थे. उस घातक हमले में 80 लोग मारे गए थे. 23 जुलाई का यह हमला वर्ष 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाए जाने के बाद किया गया सबसे घातक हमला था.

ये बम विस्फोट अल्पसंख्यक शिया हजारा प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर किया गया था. ये लोग मध्य प्रांत बामियान में बिजली की बड़ी लाइन की मांग करने के लिए जुटे थे. यह इलाका अफगानिस्तान के सबसे बदहाल इलाकों में से एक है.

इन बम विस्फोटों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. आईएस धीरे-धीरे अफगानिस्तान में अपनी पैठ बना रहा है और तालिबान को उसी की धरती पर चुनौती दे रहा है. अमेरिकी हवाई हमलों की मदद से अफगान बलों ने आईएस जिहादियों के पूर्वी गढ़ नांगरहार में हमले तेज किए हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि वर्ष 2016 के शुरुआती छह माह में हताहत नागरिकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. इस संघर्ष के बढ़ने की एक बड़ी कीमत खासतौर पर बच्चों को चुकानी पड़ रही है.

यूनाइटेड नेशन्स असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान ने कहा कि जनवरी और जून के बीच 1601 नागरिक मारे गए थे और 3565 नागरिक घायल हो गए थे. यह संख्या पिछले साल की इसी अवधि के दौरान हताहत हुए लोगों की संख्या से चार प्रतिशत ज्यादा था.

आज का हमला इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को सही साबित करता है कि आत्मघाती बम हमलों और जटिल किस्म के हमले अब नागरिकों को सड़क किनारे होने वाले विस्फोटों से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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