संयुक्त राष्ट्र (UN) की आतंकी सूची में शामिल, तालिबान के कम जाने वाले नेता (Taliban leader)मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) अफगानिस्तान के नए पीएम बन सकते हैं. असहमति के सुरों के बीच तालिबान इस मामले में सहमति कायम करने की कोशिश कर रहा है.
मामले से जुड़ी 5 बातें...
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) 20 वर्ष तक तालिबान की लीडरशिप काउंसिल 'रेहबरी शूरा (Rehbari Shura)' की अगुवाई कर चुके हैं.
अमेरिका के साथ वर्ष 2001 में युद्ध छिड़ने के पहले अखुंद, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में मंत्री थे.
सैन्य नेता के बजाय धार्मिक नेता के रूप में पहचाने जताने वाले अखुंद को तालिबान के आध्यात्मिक नेता शेख हिबतुल्लाह अखुंदजादा (heikh Hibatullah Akhundzada) का करीबी माना जाता है.
अखुंद कंधार से है, इसी स्थान से तालिबान अस्तित्व में आया था.
रिपोर्टों के अनुसार, मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में शुमार किया जाता है.