प्रतीकात्मक तस्वीर
इस्लामाबाद:
भारत पर बिना उकसावे के गोलीबारी करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने गुरुवार को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले को समन किया है. गोलीबारी में पाकिस्तान के दो सैनिक मारे गए हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, विदेश सचिव एजाज चौधरी ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना द्वारा ‘बिना किसी उकसावे के की गयी गोलीबारी की आलोचना’ की, जिसमें दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. बयान के अनुसार, ‘यह घटनाएं भारत द्वारा की जाने वाले संघषर्विराम उल्लंघन की सीरीज का हिस्सा हैं.
उन्होंने (चौधरी) सूचित किया कि पाकिस्तान की सेना किसी भी प्रकार की आक्रमकता का समुचित उत्तर देती रहेगी.’ इससे पहले पाकिस्तान ने देश के भीतर ‘लक्षित हमले’ होने के भारतीय सेना के दावे को ‘आधारहीन’ बताते हुए खारिज किया. भारत ने नियंत्रण रेखा के पास सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए. उसमें सेना ने पीओके से घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
बम्बावाले को विदेश मंत्रालय में समन करके, विदेश सचिव ने दावा किया कि कश्मीर में ‘गंभीर हालात से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए’ भारत नियंत्रण रेखा पर ‘जानबूझ कर तनाव बढ़ा’ रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘विदेश सचिव ने उरी हमले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आधारहीन आरोपों की घटना के कुछ ही घंटों बाद आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी घटना के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने की भारत की परंपरा रही है, लेकिन बाद में जांच में कुछ और आता है.’
एजाज चौधरी ने दावा किया कि पाकिस्तान ‘हस्तक्षेप’ और ‘सरकार प्रायोजित आतंकवाद’ का पीड़ित है. इस संबंध में उन्होंने ‘भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव के स्वीकारोक्ति बयान’ का हवाला दिया. जाधव पर पाकिस्तान ने ‘आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियां चलाने, विशेष रूप से बलुचिस्तान और कराची में चलाने’ का आरोप लगाया है. विदेश सचिव ने दक्षेस सम्मेलन में भाग नहीं लेने के भारत के फैसले पर निराशा जतायी. चौधरी ने बम्बावाले से नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त के जीवन पर खतरे को लेकर गंभीर चिंता जतायी और भारत सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, विदेश सचिव एजाज चौधरी ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना द्वारा ‘बिना किसी उकसावे के की गयी गोलीबारी की आलोचना’ की, जिसमें दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. बयान के अनुसार, ‘यह घटनाएं भारत द्वारा की जाने वाले संघषर्विराम उल्लंघन की सीरीज का हिस्सा हैं.
उन्होंने (चौधरी) सूचित किया कि पाकिस्तान की सेना किसी भी प्रकार की आक्रमकता का समुचित उत्तर देती रहेगी.’ इससे पहले पाकिस्तान ने देश के भीतर ‘लक्षित हमले’ होने के भारतीय सेना के दावे को ‘आधारहीन’ बताते हुए खारिज किया. भारत ने नियंत्रण रेखा के पास सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए. उसमें सेना ने पीओके से घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
बम्बावाले को विदेश मंत्रालय में समन करके, विदेश सचिव ने दावा किया कि कश्मीर में ‘गंभीर हालात से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए’ भारत नियंत्रण रेखा पर ‘जानबूझ कर तनाव बढ़ा’ रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘विदेश सचिव ने उरी हमले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आधारहीन आरोपों की घटना के कुछ ही घंटों बाद आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी घटना के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने की भारत की परंपरा रही है, लेकिन बाद में जांच में कुछ और आता है.’
एजाज चौधरी ने दावा किया कि पाकिस्तान ‘हस्तक्षेप’ और ‘सरकार प्रायोजित आतंकवाद’ का पीड़ित है. इस संबंध में उन्होंने ‘भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव के स्वीकारोक्ति बयान’ का हवाला दिया. जाधव पर पाकिस्तान ने ‘आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियां चलाने, विशेष रूप से बलुचिस्तान और कराची में चलाने’ का आरोप लगाया है. विदेश सचिव ने दक्षेस सम्मेलन में भाग नहीं लेने के भारत के फैसले पर निराशा जतायी. चौधरी ने बम्बावाले से नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त के जीवन पर खतरे को लेकर गंभीर चिंता जतायी और भारत सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया.
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