प्रतीकात्मक तस्वीर
बोस्टन:
भारतीय मूल के इंजीनियर की टीम बाकी इंजीनियरों के साथ मिलकर एक ऐसा सुपरसोनिक लक्जरी विमान विकसित कर रहे हैं, जो आपको महज़ तीन घंटे में न्यूयॉर्क से लंदन और चार घंटे से भी कम समय में दिल्ली से लंदन पहुंचा सकता है।
बोस्टन आधारित स्पाइक ऐरोस्पेस ने 2013 में एस-512 सुपरसोनिक विमान को लॉन्च किया था, लेकिन हाल ही में कंपनी ने इस विमान के डिजाइन में कुछ परिवर्तन की घोषणा की है। कपंनी ने बताया कि डिजायन में किए गए बदलाव से इस तेजगति वाले विमान की गति और अधिक बढ़ सकती है।
कंपनी का दावा है कि एस-512 विमान अधिकतम 1.8 माक (2205 किलोमीटर प्रतिघंटा) की रफ्तार पकड़ सकता है जो ध्वनि की रफ्तार से 1.8 गुना अधिक है।
'लाइव साइंस' की खबर के मुताबिक इतनी गति से यात्री न्यूयॉर्क से लंदन मात्र तीन घंटे के भीतर पहुंच सकते हैं। कंपनी ने कहा कि यात्री पेरिस से दुबई जाकर खरीददारी और मनोरंजन कर सकते हैं और रात के खाने के वक्त तक वापस भी आ सकते हैं।
कपंनी के वरिष्ठ इंजीनियर अनुतोष मोइत्रा के अनुसार इस विमान में नये तरीके से डिजायन किए गए 'डेल्टा' पंख लगाए गए हैं। इससे एस-512 को वायुगतिकी (एयरोडायनामिक) क्षमता बढ़ती है जिस कारण विमान धीमी गति और तेजगति दोनों में अच्छा प्रदर्शन करता है।
इसी के साथ विमान के पिछले हिस्से में भी कुछ बदलाव कर उसे हल्का बनाया गया है, जिससे उसे मुड़ने और तेज उड़ने में मदद मिलती है।
बोस्टन आधारित स्पाइक ऐरोस्पेस ने 2013 में एस-512 सुपरसोनिक विमान को लॉन्च किया था, लेकिन हाल ही में कंपनी ने इस विमान के डिजाइन में कुछ परिवर्तन की घोषणा की है। कपंनी ने बताया कि डिजायन में किए गए बदलाव से इस तेजगति वाले विमान की गति और अधिक बढ़ सकती है।
कंपनी का दावा है कि एस-512 विमान अधिकतम 1.8 माक (2205 किलोमीटर प्रतिघंटा) की रफ्तार पकड़ सकता है जो ध्वनि की रफ्तार से 1.8 गुना अधिक है।
'लाइव साइंस' की खबर के मुताबिक इतनी गति से यात्री न्यूयॉर्क से लंदन मात्र तीन घंटे के भीतर पहुंच सकते हैं। कंपनी ने कहा कि यात्री पेरिस से दुबई जाकर खरीददारी और मनोरंजन कर सकते हैं और रात के खाने के वक्त तक वापस भी आ सकते हैं।
कपंनी के वरिष्ठ इंजीनियर अनुतोष मोइत्रा के अनुसार इस विमान में नये तरीके से डिजायन किए गए 'डेल्टा' पंख लगाए गए हैं। इससे एस-512 को वायुगतिकी (एयरोडायनामिक) क्षमता बढ़ती है जिस कारण विमान धीमी गति और तेजगति दोनों में अच्छा प्रदर्शन करता है।
इसी के साथ विमान के पिछले हिस्से में भी कुछ बदलाव कर उसे हल्का बनाया गया है, जिससे उसे मुड़ने और तेज उड़ने में मदद मिलती है।
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