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This Article is From Jul 29, 2017

ईरान के अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के परीक्षण की अमेरिका- फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने की निंदा

चारों देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘सिमोर्घ अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान का 27 जुलाई का ताजा प्रक्षेपण ईरान की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव (यूएनएससीआर) 2231 की असंगत गतिविधि को दर्शाता है.

ईरान के अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के परीक्षण की अमेरिका- फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने की निंदा
फाइल फोटो
नई दिल्ली: अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने ईरान के 27 जुलाई के एक अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के परीक्षण की निंदा की और आरोप लगाया है कि यह परीक्षण इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के अनुरूप नहीं है. चारों देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘सिमोर्घ अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान का 27 जुलाई का ताजा प्रक्षेपण ईरान की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव (यूएनएससीआर) 2231 की असंगत गतिविधि को दर्शाता है. हम इस कदम की निंदा करते हैं.’ इनमें से अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं. जर्मनी जी4 समूह का हिस्सा है जिसमें भारत, जापान और ब्राजील शामिल हैं जो सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं. संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित करने का ईरान का कार्यक्रम यूनएससीआर 2231 के असंगत है और इससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होगी’.

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इसमें कहा गया है, ‘हम ईरान से अपील करते हैं कि वह बैलिस्टिक मिसाइल का और परीक्षण नहीं करे या इससे संबंधित गतिविधियां नहीं करे.’ उन्होंने कहा, ‘हम हमारी चिंताओं के बारे में बताने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिख रहे हैं.  फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की सरकारें ईरान के साथ इन मामलों पर द्विपक्षीय वार्ता कर रही हैं और अपनी चिंताएं व्यक्त कर रही हैं.’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2231 में ईरान से अपील की गई है कि वह परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल संबंधी कोई गतिविधि को अंजाम न दे.

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अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान तकनीकी रूप से बैलिस्टिक मिसाइल खासकर अंतरमहाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने से निकटता से जुड़े हुए हैं. संयुक्त बयान में कहा गया, ‘इस कदम से पहले 18 जून को सीरिया में मिसाइल परीक्षण और चार जुलाई को मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया.’ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने एक अन्य बयान में कहा, ‘हम ईरान के इन शब्दों पर भरोसा नहीं करते कि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहे हैं. जब तक ईरान उकसावे की अपनी कार्रवाई को रोक नहीं देता और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का पूरी तरह पालन नहीं करता, हम ईरान के खिलाफ कदम उठाना जारी रखेंगे.’

इनपुट : भाषा

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