अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कोरोनावायरस महामारी को लेकर लागू वैश्विक यात्रा प्रतिबंधों के चलते अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों को इस अवसर का इस्तेमाल यह सोचने के लिए करने की सलाह दी है कि वह समाज के लिए सार्थक एवं सकारात्मक योगदान कैसे दे सकते हैं. सोशल मीडिया मंचों पर आयोजित संवाद के दौरान, उन्होंने भारतीय छात्रों के अनुभव की तुलना एक अंतरिक्षयान के अंतरिक्ष में होने से की ‘‘जहां आप बाहर नहीं निकल पाते, आपको अपने परिवार एवं दोस्तों को देखने और उन्हें गले लगाने को नहीं मिलता है.”
भारतीय छात्र समूह दूतावास द्वारा शुक्रवार को यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर आयोजित इस संवाद को पहले 24 घंटों में करीब 84,000 लोगों ने देखा. विलियम्स ने ‘‘मैं” की बजाए ‘‘हम” पर विचार करने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए अंतरिक्ष में चक्कर काटने के अपने 322 दिनों का जिक्र किया और कहा, “एकांतवास हमें एक ऐसा समय देता है जहां हम यह सोच सकते हैं और दिखा सकते हैं कि आप समाज में सक्रिय, सकारात्मक और सार्थक योगदान कैसे दे सकते हैं.”
वह इस संवाद में ह्यूस्टन से शामिल हुईं जहां वह 2021 में एक अन्य मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. संवाद के दौरान विलियम्स ने बताया कि इस वक्त कैसे हर कोई कुछ महत्त्वपूर्ण हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा, “घर पर रहकर, और जिम्मेदार बनकर तथा खुद को या अन्य को संक्रमित न करना भी, अपने से आगे बढ़कर सोचने और बड़ी चीज का हिस्सा बनने जैसा है.”
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