मंगल ग्रह पर पानी उन अनुमानों के मुकाबले बहुत तेजी से घट रहा है जो सिद्धांतों के साथ-साथ पूर्व के अवलोकनों में जताया गया था. एक नये अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जिसमें एग्जोमार्स मिशन के डेटा का इस्तेमाल किया गया है. फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि लाल ग्रह के ऊपरी वातावरण से पानी धीरे-धीरे लुप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि सूरज की रोशनी और रसायन शास्त्र पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणु में अलग-अलग कर देते हैं जिन्हें मंगल ग्रह का कमजोर गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष में जाने से नहीं रोक सकता है.
अध्ययन में सामने आया है कि मंगल ग्रह के वातावरण से करीब 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर जलवाष्प बड़ी मात्रा में और अप्रत्याशित अनुपात में जमा हो रहा है. इस परिणामों को एक्जोमार्स मिशन के ट्रेस गैस ऑर्बिटर उपकरण की मदद से हासिल किया गया था. इस मिशन को यूरोपियन स्पेस एजेंसी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉस्मोस ने वित्तीय मदद दी थी. यह अध्ययन ‘साइंस' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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