न्यूयार्क:
कनेक्टिकट में एक प्राइमरी स्कूल में भीषण गोलीबारी के दो दिन बाद अमेरिकी प्रशासन ने रविवार को इस घटना में मारे गए बच्चों की पहचान का खुलासा करते हुए कहा है कि ये बच्चे छह-सात साल की उम्र के थे और पहली कक्षा के छात्र थे। इन बच्चों को इस भीषण हमले में हमलावर ने कई गोलियां मारी।
12 छोटी बच्चियों तथा आठ लड़कों समेत कुल 26 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया।
20 वर्षीय बंदूकधारी एडम लांजा द्वारा की गई गोलीबारी में सैंडी हुक ऐलिमेंट्री स्कूल की प्रिंसीपल डान होचस्प्रंग, स्कूल की मनोचिकित्सक मैरी शारलेच (56) तथा तीन अध्यापिकाएं रशेल डेविनो (29), ऐनी मैरी मर्फी (52) तथा लौरेन रोसेयू (30) भी मारे गए छह वयस्कों में शामिल हैं। हमलावर ने दो कक्षाओं में घुसकर गोलीबारी की थी।
पुलिस विभाग द्वारा सभी पीडितों के नामों की सूची जारी किए जाने से पूर्व कनेक्टिकट के मुख्य चिकित्सा परीक्षक वायने कार्वेर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘वे (हमले में मारे गए 20 बच्चे) पहली कक्षा के छात्र थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भयानक चोट है।’’ उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को लंबी बंदूक से कई गोलियां मारी गईं। लांजा हमले के समय तीन बंदूकें लिए हुए था।
कार्वेर ने कहा, ‘‘मैंने इतना भीषण हमला पहले कभी नहीं देखा।’’ उन्होंने बताया कि उन्होंने जो सात पोस्टमार्टम किए उनमें पीड़ितों को तीन से लेकर 11 गोलियां लगी थीं। 20 बच्चों में से 16 बच्चे छह साल के तथा बाकी सात साल के थे।
एक छोटी बच्ची ने तो इस सप्ताह की शुरूआत में ही अपना सातवां जन्मदिन मनाया था।
लांजा ने शुक्रवार को कनेक्टिकट में अपने घर में पहले अपनी मां की हत्या की और उसके बाद वह स्कूल गया जहां उसने खुद को गोली मारने से पूर्व 26 लोगों को गोलियों से भून दिया। यह अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक भीषण गोलीबारी की घटना थी। कार्वेर ने बताया कि बच्चों के माता-पिता के दुख को कम करने के लिए उन्हें सीधे घटनास्थल पर ले जाए जाने से पूर्व उन्हें शिनाख्त के लिए बच्चों के फोटो दिखाए गए।
कनेक्टिकट पुलिस के पाल वेन्से ने कहा कि बंदूकधारी जबरन स्कूल में घुसा था।
घटना के नए खुलासे में पता चला है कि स्कूल के प्रिंसीपल और मनोचिकित्सक छात्रों को बचाने के प्रयास में बंदूकधारी से निपटने की कोशिश करने में मारे गए।
स्कूल के अधीक्षक जेनेट रोबिन्सन ने बताया कि अध्यापकों तथा स्कूल के कर्मचारियों ने बड़ी ही बहादुरी के साथ बच्चों को हमलावर से बचाने में अपनी जान लगा दी।
एक अध्यापिका ने बच्चों को खिड़की के रास्ते सुरक्षित निकलने में मदद की तो एक लाइब्रेरियन ने बच्चों को एक अलग कमरे में छुपा दिया और विध्वंसक घटना की ओर से बच्चों का ध्यान बंटाने के लिए उन्हें कागज देकर उनसे ड्राइंग बनाने को कहा।
12 छोटी बच्चियों तथा आठ लड़कों समेत कुल 26 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया।
20 वर्षीय बंदूकधारी एडम लांजा द्वारा की गई गोलीबारी में सैंडी हुक ऐलिमेंट्री स्कूल की प्रिंसीपल डान होचस्प्रंग, स्कूल की मनोचिकित्सक मैरी शारलेच (56) तथा तीन अध्यापिकाएं रशेल डेविनो (29), ऐनी मैरी मर्फी (52) तथा लौरेन रोसेयू (30) भी मारे गए छह वयस्कों में शामिल हैं। हमलावर ने दो कक्षाओं में घुसकर गोलीबारी की थी।
पुलिस विभाग द्वारा सभी पीडितों के नामों की सूची जारी किए जाने से पूर्व कनेक्टिकट के मुख्य चिकित्सा परीक्षक वायने कार्वेर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘वे (हमले में मारे गए 20 बच्चे) पहली कक्षा के छात्र थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भयानक चोट है।’’ उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को लंबी बंदूक से कई गोलियां मारी गईं। लांजा हमले के समय तीन बंदूकें लिए हुए था।
कार्वेर ने कहा, ‘‘मैंने इतना भीषण हमला पहले कभी नहीं देखा।’’ उन्होंने बताया कि उन्होंने जो सात पोस्टमार्टम किए उनमें पीड़ितों को तीन से लेकर 11 गोलियां लगी थीं। 20 बच्चों में से 16 बच्चे छह साल के तथा बाकी सात साल के थे।
एक छोटी बच्ची ने तो इस सप्ताह की शुरूआत में ही अपना सातवां जन्मदिन मनाया था।
लांजा ने शुक्रवार को कनेक्टिकट में अपने घर में पहले अपनी मां की हत्या की और उसके बाद वह स्कूल गया जहां उसने खुद को गोली मारने से पूर्व 26 लोगों को गोलियों से भून दिया। यह अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक भीषण गोलीबारी की घटना थी। कार्वेर ने बताया कि बच्चों के माता-पिता के दुख को कम करने के लिए उन्हें सीधे घटनास्थल पर ले जाए जाने से पूर्व उन्हें शिनाख्त के लिए बच्चों के फोटो दिखाए गए।
कनेक्टिकट पुलिस के पाल वेन्से ने कहा कि बंदूकधारी जबरन स्कूल में घुसा था।
घटना के नए खुलासे में पता चला है कि स्कूल के प्रिंसीपल और मनोचिकित्सक छात्रों को बचाने के प्रयास में बंदूकधारी से निपटने की कोशिश करने में मारे गए।
स्कूल के अधीक्षक जेनेट रोबिन्सन ने बताया कि अध्यापकों तथा स्कूल के कर्मचारियों ने बड़ी ही बहादुरी के साथ बच्चों को हमलावर से बचाने में अपनी जान लगा दी।
एक अध्यापिका ने बच्चों को खिड़की के रास्ते सुरक्षित निकलने में मदद की तो एक लाइब्रेरियन ने बच्चों को एक अलग कमरे में छुपा दिया और विध्वंसक घटना की ओर से बच्चों का ध्यान बंटाने के लिए उन्हें कागज देकर उनसे ड्राइंग बनाने को कहा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं