पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) को गुरुवार को यह सूचना दी गई कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में अकोरा खाटक स्थित दारुल उलूम हक्कानिया के विद्यार्थियों का हाथ था।
'डॉन' ऑनलाइन के अनुसार, मदरसा प्रशासन ने हालांकि, संदिग्ध के साथ किसी भी तरह के संबंध से इंकार किया है। रावलपिंडी के अडियाला जेल में गठित एटीसी की विशेष अदालत में बेनजीर हत्याकांड की सुनवाई न्यायमूर्ति परवेज इस्माइल की अध्यक्षता में हुई।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के पेशावर के निरीक्षक नसीर अहमद और उप निरीक्षक आदनान अदालत के सामने पेश हुए और जानकारी दी कि दारुल उलूम हक्कानिया के छात्र बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल रहे हैं। दोनों ही गवाहों ने इससे संबंधित सबूत भी पेश किए। सुनवाई के दौरान दारुल उलूम हक्कानिया के निदेशक (शिक्षा) विसाल अहमद का भी बयान दर्ज कराया गया।
उन्होंने यह स्वीकार किया कि संदिग्ध आत्मघाती हमलावार अब्दुल्ला ऊर्फ सद्दाम नादिर ऊर्फ कारी इस्माइल और गिरफ्तार किया गया संदिग्ध रशीद ऊर्फ तुराफी और फैज मुहम्मद ने मदरसा में पढ़ाई की थी। उन्होंने हालांकि, इस दावे को खारिज कर दिया कि मदरसे का इनमें से किसी संदिग्ध के साथ कोई संबंध है।
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