स्कॉटलैंड क्या ब्रिटेन से आजाद होगा अथवा उसके साथ बना रहेगा, इस मुद्दे को लेकर जनमत संग्रह शुरू हुआ है। इडेनबरा से लेकर हाईलैंड्स तक घर, पब हर जगह यही चर्चा का विषय बना हुआ है।
हालांकि एक तरफ ऐसा लगता है कि नतीजे काफी नजदीकी हो सकते हैं, वहीं आजादी का समर्थन करने वाले कैंप ने हालिया सप्ताह में समर्थन बढ़ते हुए देखा है। रायशुमारी में लंबे समय तक 'न' वाला कैंप ही हावी रहा है।
स्कॉटलैंड के आजादी समर्थक फर्स्ट मिनिस्टर एलेक्स सेलमंड ने बुधवार को पर्थ में एक निर्णायक रैली में जश्न मना रही भीड़ के सामने कहा, यह जिंदगी में एकमात्र मौका है। उन्होंने कहा, यह हम सब में से किसी के लिए अब तक का अद्वितीय, सबसे समर्थ बनाने वाला क्षण है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने स्कॉट नागरिकों से 'अपने घर' में बने रहने के लिए पक्ष में वोट देने की अपील की और आगाह भी किया है कि टूटने (अलग होने) से आर्थिक अनिश्चतता आएगी। अगर स्कॉटलैंड के लोग यस वोट करते हैं, तो वर्ष 1707 में हुए एकीकरण का समापन हो जाएगा और कैमरन को इस्तीफा देना होगा।
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर ब्रिटेन के लिए कुछ गंभीर सवाल भी पैदा हो जाएंगे। दुनिया के अन्य हिस्से में भी बड़ी बेताबी से लोग इसके नतीजे पर नजर रखे हुए हैं। नतीजे से दुनिया का आर्थिक कारोबार कुछ समय के लिए अनिश्चितता के साये में जा सकता है। जनमत संग्रह में करीब 80 फीसदी मतदान की उम्मीद है। वोट पंजीकरण कराने के लिए 97 प्रतिशत लोग यानि 43 लाख लोग योग्य हैं। शुक्रवार तड़के परिणाम आने की उम्मीद है।
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