राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना (फाइल फोटो)
कोलंबो:
श्रीलंका में विपक्ष की सैन्य तख्तापलट की चेतावनी की रिपोर्टों के बीच एक श्रीलंकाई वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि भारत श्रीलंका में सेना के सत्ता हासिल करने को सहन नहीं करेगा और देश में तख्तापलट की किसी भी प्रकार की कोशिश नाकाम करने में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना को पूरा समर्थन देगा.
सामाजिक सेवा मंत्री एस बी दिसानायक ने कहा कि सिरीसेना के भारत के साथ अच्छे संबंध हैं और वह श्रीलंका में सैन्य तख्तापलट की किसी भी कोशिश को नाकाम करने में भारत से समर्थन मिलने का भरोसा कर सकते हैं.
दिसानायक ने ‘नेथ एफएम रेडियो’ से कहा, राष्ट्रपति के पास भारत का समर्थन है. भारत (श्रीलंका सरकार की मदद के लिए) दो पोत भेजेगा. सैन्य तख्तापलट की विपक्ष की चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली श्रीलंका में सेना की सत्ता हासिल करने की किसी कोशिश को सहन नहीं करेगा.
ज्वाइंट ओपोजिशन के संसदीय नेता दिनेश गुणवर्धन ने शुक्रवार को संसद में कहा था कि देश में सरकार द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के कथित हनन के मद्देनजर श्रीलंका में सैन्य तख्तापलट का खतरा है.
उन्होंने 2017 बजट आवंटन में हिस्सा लेने के लिए सदन में मौजूद सिरीसेना को संबोधित करते हुए यह बात कही.
ज्वाइंट ओपोजिशन सिरीसेना से पहले राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे का समर्थन करता है. राजपक्षे ने पिछले साल सिरीसेना के हाथों उन्हें मिली हार के लिए भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दोषी ठहराया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सामाजिक सेवा मंत्री एस बी दिसानायक ने कहा कि सिरीसेना के भारत के साथ अच्छे संबंध हैं और वह श्रीलंका में सैन्य तख्तापलट की किसी भी कोशिश को नाकाम करने में भारत से समर्थन मिलने का भरोसा कर सकते हैं.
दिसानायक ने ‘नेथ एफएम रेडियो’ से कहा, राष्ट्रपति के पास भारत का समर्थन है. भारत (श्रीलंका सरकार की मदद के लिए) दो पोत भेजेगा. सैन्य तख्तापलट की विपक्ष की चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली श्रीलंका में सेना की सत्ता हासिल करने की किसी कोशिश को सहन नहीं करेगा.
ज्वाइंट ओपोजिशन के संसदीय नेता दिनेश गुणवर्धन ने शुक्रवार को संसद में कहा था कि देश में सरकार द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के कथित हनन के मद्देनजर श्रीलंका में सैन्य तख्तापलट का खतरा है.
उन्होंने 2017 बजट आवंटन में हिस्सा लेने के लिए सदन में मौजूद सिरीसेना को संबोधित करते हुए यह बात कही.
ज्वाइंट ओपोजिशन सिरीसेना से पहले राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे का समर्थन करता है. राजपक्षे ने पिछले साल सिरीसेना के हाथों उन्हें मिली हार के लिए भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दोषी ठहराया था.
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